सीहोर

बिना सुरक्षा उपकरण कर रहे बिजली सुधार कार्य, जा सकती है जान

अपने ही कर्मचारियों के प्रति बिजली कंपनी दिखा रही लापरवाहीकई कर्मचारियों की अचानक बिजली आने से जा चुकी है जानफोटो१०सीहोर। इस तरह से बिना उपकरण के कर्मचारी सुधार कार्य कर रहे हैं।

सीहोरOct 10, 2018 / 12:23 pm

सुनील शर्मा

बिना सुरक्षा उपकरण कर रहे बिजली सुधार कार्य, जा सकती है जान

सीहोर। बिना सुरक्षा उपकरण के बिजली कर्मचारी अपनी जान जोखिम में डालकर फाल्ट, मरम्मत आदि सुधार कार्य करने में लगे हैं। इसमें हर पल उनकी जान जाने का अंदेशा बना रहता है। बिजली कंपनी के नुमाइंदों की नजर में भी यह सब है, लेकिन वह अपने ही कर्मचारियों के प्रति लापरवाही बरतने से बाज नहीं आ रहे हंै। ऐसे में अब तक कर्मचारी अपनी जान से हाथ धो बैठे हैं। बावजूद इस तरफ कोई ध्यान नहीं दे रहा है।

 


छोटे से लेकर बड़े बिजली संबंधित सुधार कार्य करने कर्मचारियों को जान दाव पर लगाना पड़ रही है। कई बार बिना सुरक्षा उपकरण के ही उनको अधिक ऊंचाई के खंभों पर चढऩा पड़ता है। एक तरफ कर्मचारी भय के साए में रहता है तो दूसरी तरफ काम करना भी मजबूरी रहता है। काम करने के दौरान अचानक सप्लाई चालू हो गई तो क्या स्थिति बनेगी इसका अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है। यह हालात सीहोर शहर में ही आसानी से देखे जा सकते है। जब काम करने के दौरान कर्मचारियों के पास उपकरण के नाम पर कुछ नहीं मिलेगा।

 

 

जा चुकी है अब तक कई की जान
इस तरह से काम करने के दौरान बिजली चालू होने से कई कर्मचारियों की मौत हो चुकी है। खास बात यह है कि यह घटना उस समय घटी थी जब कर्मचारियों के पास काम करते समय उनके पास कोई सुविधा के हिसाब से सामान नहीं था। इसके चलते वह खंभे पर ही लटककर रह गए।

पिछले दिनों ही श्यामपुर तहसील में इस तरह का मामला सामने आया था। इसी तरह से आष्टा ब्लॉक में भी कई बिजली कर्मचारियों की जान चली गई थी। कंपनी की अनदेखी यह है कि वह इस तरफ ध्यान देना मुनासबि नहीं समझ रही है। कर्मचारियों का कहना है कि उनकी तरफ से तो उच्च अधिकारियों को अवगत कराया जाता है।

लेबर को नहीं चढऩे का अधिकार
नियमानुसार ठेकेदार के लेबर को बिजली के पोल पर चढऩे का अधिकार नहीं है। चाहे लाइन बंद हो या चालू। उसे सिर्फ लाइनमैन के सहयोगी के रूप में रखा जाता है। इसके बावजूद कई बार थोड़े लालच या फि र लाइनमैन से संबंध के चलते लेबर लाइन सुधार कार्य के लिए पोल पर चढ़ जाते हैं।

पिछले कुछ साल में देखा जाए तो लेबर की मौत के मामले में सामने आए हैं। उल्लेखनीय है कि कर्मचारियों के पास सुधार कार्य करते समय सीढ़ी, हेलमेट, दस्ताने, सेफ्टी बेल्ट,ए डिस्चार्ज रॉड, प्लायर, टेस्टर, रैनकोट, जूते, गर्म कपड़े आदि होना जरूरी है। इधर कई बार ऐसा भी देखने में आता है कुछ एक कर्मचारियों के पास यह उपकरण रहते भी हैं तो वह इनको पहनना उचित नहीं समझते हैं। स्वयं अपनी जान जोखिम में डालते हैं।

सख्त निर्देश हैं
सभी कर्मचारियों को उपकरण मुहैया कराए हैं और उनको सुधार कार्य करते समय पहनने के भी निर्देश दिए हैं। जहां तक ठेकेदार बिना सुरक्षा उपकरण के कर्मचारियों से काम कराता मिला तो उसके खिलाफ भी एफआइआर दर्ज कराई जाएगी।
केएम शुक्ला, बिजली कंपनी सीहोर

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