script‘विषम परिस्थिति में भी सच्चाई के मार्ग से नहीं डिगना चाहिए’ | Even in an odd situation, one should not be deterred from the path | Patrika News

‘विषम परिस्थिति में भी सच्चाई के मार्ग से नहीं डिगना चाहिए’

locationसीहोरPublished: Dec 11, 2019 02:31:58 pm

Submitted by:

Radheshyam Rai

दत्त कुटी आवलीघाट में चल रही श्रीमद् भागवत कथा में प्रतिदिन बड़ी संख्या में पहुंच रहे श्रद्धालु

'विषम परिस्थिति में भी सच्चाई के मार्ग से नहीं डिगना चाहिएÓ

सात दिवसीय श्रीराम कथा के छठवें दिन हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं धर्म लाभ लेने के लिए पधारें।

सीहोर. जीवन की इस राह में कठिन से कठिन परिस्थिति में भी हमें सच्चाई एवं ईमानदारी के मार्ग से नहीं डिगना चाहिए। यह बात दत्त कुटी आवलीघाट में चल रही श्रीराम कथा के छटवे दिन कथा वाचक प्रभुता व्यास ने कही।

उन्होंने आगे कहा कि मानव जीवन में कई बार विषम परिस्थितियां बनती हैं जिनमें साधारण मनुष्य भटक जाता है और गलत राह पर चलना शुरू कर देता है। यदि हम रामचरितमानस में देखें तो स्वयं भगवान को भी मानव अवतार में कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। जैसे राजा के पुत्र होने के बाद भी उन्हें वनवास जाना पड़ा, जहां उन्हें नंगे पैर चलना पड़ा, कई राक्षसों से युद्ध करना पड़ा। माता सीता को भी रावण ने धोखे से हर लिया। भगवान ने हर चुनौती का सामना धैर्य एवं संयम से किया। इसी कारण उन्होंने अमृत्व का वरदान प्राप्त रावण को भी युद्ध में पराजित कर दिया।

इसलिए जीवन में व्यक्ति को हमेशा हर परिस्थति से मुकाबला करने के लिए तत्पर रहना चहिए। साथ ही परिस्थिति कैसी भी हो कभी भी ईमानदारी के मार्ग से नहीं डिगना चाहिए। भगवान श्री दत्तात्रेय जयंती के उपलक्ष्य दत्त कुटी आवलीघाट में चल रही सात दिवसीय श्रीराम कथा के छठवें दिन हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं धर्म लाभ लेने के लिए पधारें।

आज धूमधाम से मनेग भगवान दत्तात्रेय का प्रकटोत्सव
मंगलवार को आज कथा में भगवान श्री दत्तात्रेय का प्रकटोत्सव बड़ी धूमधाम से मनाया जाएगा। कथा व्यास आज भगवान अवधूत के चरित्र का वर्णन करेंगी। भगवान दत्तात्रेय के जन्म से लेकर उनके पूरे जीवन की यात्रा का विस्तार से वर्णन होगा तथा के बाद पूर्णाहुति एवं विशाल भंडारे का भी आयोजन किया जाएगा। बता दें कि महंत स्वामी जमुना गिरी जी की प्रेरणा से भगवान श्री दत्तात्रेय की जन्मोत्सव पर यह कार्यक्रम विगत कई वर्षों से निरंतर होता चला आ रहा है। जिसमें आसपास के क्षेत्र के ही नहीं पूरे प्रदेश के अलावा कई अन्य राज्यों से भी श्रद्धालु कथा श्रवण करने एवं धर्म लाभ लेने के लिए प्रतिवर्ष पधारते हैं। शाम को मां नर्मदा के पावन तट आवलीघाट में दीपदान का कार्यक्रम भी किया जाएगा।

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