शहर की दूसरी सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि इंदौर-भोपाल के बीच दौडऩे वाली अधिकांश बस के सैकड़ाखेड़ी जोड़ से सीधे निकलने से होती है। बसों के बस स्टैंड पर नहीं आने से यात्रियों को सैकड़ाखेड़ी जोड़ से डेढ़ किलो मीटर पैदल चलकर शहर आना पड़ता है। सैकड़ाखेड़ी जोड़ से रात के समय आने में बहुत दिक्कत होती है। यात्री चाहते हैं कि समिति कुछ ऐसी व्यवस्था बनाए कि इंदौर-भोपाल रूट पर दौडऩे वाली बस सीहोर बस स्टैंड होकर आवाजाही करें।
बस स्टैंड पर क्या-क्या दिक्कत
जिला मुख्यालय के बस स्टैंड पर यात्री सुविधा के नाम पर कुछ भी नहीं है। यहां पर यात्रियों को पीने का पानी नहीं मिलता है। किराया और बस रूट की जानकारी के लिए डिस-प्ले बोर्ड तक नहीं है। किराया सूची न तो बसों पर चस्पा है और नहीं बस स्टैंड पर इसकी कोई लिस्ट लगी है। कई बार तो बस कंडेक्टर यात्रियों से मनमाना किराया वसूल करते हैं। त्योहार और शादी-समारोह के सीजन में यात्रियों को इस परेशानी से काफी जूझना पड़ता है। यात्री प्रतीक्षालय के नाम पर रेन बसेरा के पास सिर्फ एक छोटा सा टीनशेड बना है। सुरक्षा के लिए बस स्टैंड पर कोई इंतजाम नहीं हैं। कभी-कभार पुलिसकर्मी घूमते दिखाई देते हैं। यहां पर साफ-सफाई की व्यवस्था भी ठीक नहीं है।
जिला मुख्यालय के बस स्टैंड पर यात्री सुविधा के नाम पर कुछ भी नहीं है। यहां पर यात्रियों को पीने का पानी नहीं मिलता है। किराया और बस रूट की जानकारी के लिए डिस-प्ले बोर्ड तक नहीं है। किराया सूची न तो बसों पर चस्पा है और नहीं बस स्टैंड पर इसकी कोई लिस्ट लगी है। कई बार तो बस कंडेक्टर यात्रियों से मनमाना किराया वसूल करते हैं। त्योहार और शादी-समारोह के सीजन में यात्रियों को इस परेशानी से काफी जूझना पड़ता है। यात्री प्रतीक्षालय के नाम पर रेन बसेरा के पास सिर्फ एक छोटा सा टीनशेड बना है। सुरक्षा के लिए बस स्टैंड पर कोई इंतजाम नहीं हैं। कभी-कभार पुलिसकर्मी घूमते दिखाई देते हैं। यहां पर साफ-सफाई की व्यवस्था भी ठीक नहीं है।
पार्किंग के लिए तय की जाए जगह
बस स्टैंड पर यात्री वाहनों के अलावा भी दोपहिया और चार पहिया वाहनों की आवाजाही होती है। यहां पर एक साइड पार्किंग के लिए जगह तय की जानी चाहिए। दोपहिया और दूसरे चार पहिया वाहनों के इधर-उधर खड़े होने से काफी दिक्कत होती है। बस और यात्री दोनों परेशान होते हैं। बस स्टैंड परिसर में दिनभर हाथ ठेला खड़े रहते हैं। कुछ लोगों ने तो सरकारी जमीन पर कब्जा कर गुमठियां रख ली हैं। पूरे बस स्टैंड परिसर को अतिक्रमण मुक्त कराया जाए।
बस स्टैंड पर यात्री वाहनों के अलावा भी दोपहिया और चार पहिया वाहनों की आवाजाही होती है। यहां पर एक साइड पार्किंग के लिए जगह तय की जानी चाहिए। दोपहिया और दूसरे चार पहिया वाहनों के इधर-उधर खड़े होने से काफी दिक्कत होती है। बस और यात्री दोनों परेशान होते हैं। बस स्टैंड परिसर में दिनभर हाथ ठेला खड़े रहते हैं। कुछ लोगों ने तो सरकारी जमीन पर कब्जा कर गुमठियां रख ली हैं। पूरे बस स्टैंड परिसर को अतिक्रमण मुक्त कराया जाए।
खास-खास
– इंदौर, भोपाल, नसरुल्लागंज, सीहोर, इछावर और आष्टा आदि रूट पर करीब 300 बसों का संचालन किया जाता है।
– बस स्टैंड से एक दिन में करीब दस हजार यात्री सफर करते हैं।
– बस स्टैंड से संचालित होने वाले ऑटो के रूट तय कर नंबरिंग की जाए।
– परिवहन विभाग को रूट के हिसाब से किराया तय करना चाहिए।
– ड्रेस नहीं पहनने वाले बस ड्राइवर और कंडेक्टर पर सख्त कार्रवाई की जाए।
– इंदौर, भोपाल, नसरुल्लागंज, सीहोर, इछावर और आष्टा आदि रूट पर करीब 300 बसों का संचालन किया जाता है।
– बस स्टैंड से एक दिन में करीब दस हजार यात्री सफर करते हैं।
– बस स्टैंड से संचालित होने वाले ऑटो के रूट तय कर नंबरिंग की जाए।
– परिवहन विभाग को रूट के हिसाब से किराया तय करना चाहिए।
– ड्रेस नहीं पहनने वाले बस ड्राइवर और कंडेक्टर पर सख्त कार्रवाई की जाए।
-कौन क्या कहता है:
– बस स्टैंड पर सबसे बड़ी दिक्कत यात्रियों के बैठने के लिए पर्याप्त जगह नहीं है और पानी की व्यवस्था नहीं है। प्रशासन को साफ-सफाई की व्यवस्था के लिए भी समिति बनानी चाहिए।- अतुल राठौर, बस मालिक
– बस स्टैंड पर सबसे बड़ी दिक्कत यात्रियों के बैठने के लिए पर्याप्त जगह नहीं है और पानी की व्यवस्था नहीं है। प्रशासन को साफ-सफाई की व्यवस्था के लिए भी समिति बनानी चाहिए।- अतुल राठौर, बस मालिक
– सबसे ज्यादा दिक्कत उस समय होती है, जब रात को इंदौर-भोपाल की तरफ जाने वाली बसें सैकड़ाखेड़ी जोड़ पर छोड़ देती हैं। इन बसों का बस स्टैंड तक आना सुनिश्चित किया जाए। -लल्लू जाट, यात्री
– बस स्टैंड पर दुकानदार कचरा फैलाते हैं। सभी दुकानों के सामने डस्टबिन लगवाएं जाएं। साथ ही पार्किंग के लिए एक जगह निर्धारित की जाए। -गोलू शर्मा, यात्री – बस स्टैंड पर सुरक्षा के लिए एक पुलिस चौकी खोली जाए। शराब दुकान बस स्टैंड पर होने के कारण शाम होते ही यहां शराबी घूमने लगते हैं। महिलाओं को काफी दिक्कत होती है। -राजू जोशी, यात्री