scriptकिसानों ने दिया अल्टीमेटम, 15 तक शुरु हो काम नहीं तो होगा आंदोलन | Farmers give ultimatum, start up to 15 | Patrika News

किसानों ने दिया अल्टीमेटम, 15 तक शुरु हो काम नहीं तो होगा आंदोलन

locationसीहोरPublished: Apr 17, 2018 12:45:36 pm

जनप्रतिनिधि और प्रशासन द्वारा किसानों के सब्र का इम्तहान लिया जा रहा है। किसान भारी जलसंकट की समस्या से जूझ रहे हैं और जनप्रतिनिधि केवल आश्वासन दे रहे

This water is making people sick

This water is making people sick

सीहोर/आष्टा/जावर. जनप्रतिनिधि और प्रशासन द्वारा किसानों के सब्र का इम्तहान लिया जा रहा है। किसान भारी जलसंकट की समस्या से जूझ रहे हैं और जनप्रतिनिधि केवल आश्वासन दे रहे हैं। अब आश्वासन के काम नहीं चलेगा। यदि 15 मई तक तालाब का निर्माण शुरु नहीं हुआ तो किसानों द्वारा उग्र आंदोलन किया जाएगा। यह अल्टीमेटम सोमवार को कान्याखेड़ी जलाशय निर्माण संघर्ष समिति द्वारा अतिरिक्त तहसीलदार को सौंपे गए ज्ञापन में दिया है।

प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी पेयजल समस्या से जूझ रहे हैं। कान्याखेड़ी जलाशय निर्माण संघर्ष समिति के तत्वाधान में लगातार शासन प्रशासन को अपनी समस्याओं से दर्जनों गांव के किसान एवं ग्रामीण अवगत कराते आ रहे है। बावजूद शासन का इस और ध्यान नहीं है। पिछले तीन माह पहले हजारों किसानो ने पैदल यात्रा कर भोपाल में मुख्यमंत्री से मिलने का और आंदोलन करने का मन बना ही लिया था कि प्रभारी मंत्री रामपाल सिंह एवं विधायक रंजीत सिंह गुणवान, जिला पंचायत अध्यक्ष उर्मिला मरेठा सहित प्रशासन के आला अफसरों ने एक माह का समय देने की बात कही थी। प्रभारी मंत्री ने कहा था कि एक माह में कान्याखेड़ी जलाशय का निर्माण कार्य शुरु कर दिया जाएगी। प्रभारी मंत्री की बात और अन्य नेता का अश्वासन पर किसानों ने विश्वास करते हुए मान लिया था। दो माह से अधिक समय बीत जाने के बाद भी कोई परिणाम सामने नहीं आया।
इससे किसानों में आक्रोश पनपने लगा है। सोमवार को तहसील मुख्यालय पर टंकी के पास सभा आयोजित कर मुख्यमंत्री व राज्यपालन के नाम अतिरिक्त तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा है। किसानों ने अपनी पीड़ा बताने के साथ ही यह निर्णय लिया कि 15 मई तक अगर कान्याखेड़ी जलाशय का निर्माण कार्य शुरु नहीं हुआ तो उग्र आंदोलन किया जाएगा। समिति के अध्यक्ष जीवन सिंह ठाकुर ने बताया कि इस बीच किसानों ने किसान हित में नारेबाजी भी की। ज्ञापन सौंपने वालों में मुख्य रूप से महेन्द्र सिंह गवखेड़ी, नारायण सिंह, भैरू सिंह, रमेश मुकाती, प्रकाश चौधरी, बाबूलाल, कमल सिंह, विक्रम सिंह, भीम सिंह, मनोहर सिंह, अर्जुन सिंह सरपंच, धर्मेन्द्र सिंह, डॉ. हरि सिंह, सरपंच मान सिंह, सुरेन्द्र सिंह मुकाती, मोर सिंह, देवकरण, राम सिंह, जसरथ सिंह, चेतन सिंह, मनोहर सिंह, कोक सिंह, अशोक कुमार, गोलू पटेल, रमेश सिंह, जीवन सिंह, राजेन्द्र सिंह, उपसरपंच मान सिंह, धीरज सिंह, मनोहर सिंह, कुमेर सिंह, गजराज सिंह पंडित, जय सिंह पण्डित, फतेह सिंह, बलवान सिंह, महेश, जैद, प्रशांत साहू सहित सैकड़ों किसान उपस्थित थे।
अब तो प्यास बुझाना भी हो गया मुश्किल
गांव में पेयजल संकट के हालात बहुत विकराल है। प्रतिवर्ष गर्मी के दिनों में पेयजल समस्या से जूझना पड़ता है। जलाशय निर्माण संघर्ष समिति अध्यक्ष जीवन सिंह ने बताया कि गांव में तालाब का निर्माण होने से करीब 40 से अधिक गांवों के किसानों को लाभ मिलेगा। बावजूद तालाब के निर्माण में जनप्रतिनिधि व अफसरों का रवैया उदासीन है। गांव में पेयजल संकट के हाल यह है कि ग्रामीण अल सुबह से लेकर देर रात तक पेयजल के इंतजाम में जुटे नजर आते हैं। गांव में मवेशियों तक के लिए पानी का इंतजाम करना मुश्किल हो रहा है।
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