scriptपंजीयन के अंतिम दिन सर्वर की रही सुस्त चाल, पटवारियों की लापरवाही का खामियाजा भुगत रहे किसान | Farmers living on the last day of registration, deteriorating lapses o | Patrika News

पंजीयन के अंतिम दिन सर्वर की रही सुस्त चाल, पटवारियों की लापरवाही का खामियाजा भुगत रहे किसान

locationसीहोरPublished: Mar 15, 2019 11:23:31 am

किसानों को पंजीयन कराने लगा आधे घंटे से ज्यादा का समय

news

Sehore. The rush of farmers to register at the Bijora Registration Center.

सीहोर. समर्थन मूल्य पर उपज बेचने पंजीयन कराने गुरुवार को अंतिम दिन होने से जिले के कई केंद्र पर सर्वर की सुस्त रफ्तार से किसानों की खासी फजीहत हुई। पांच मिनट में होने वाले पंजीयन में आधे घंटेे से ज्यादा का समय लगने से उनको काफी इंतजार करना पड़ा। वहीं कई किसान पटवारियों की अनदेखी के चलते रिकार्ड में एक ही फसल चढ़ानेे से उसमें सुधार कराने भटकते नजर आए, लेकिन कुछ नहीं हुआ तो मायूस लौटकर जाना पड़ा।

जिले में इस बार 25 जनवरी से खरीदी केंद्रों पर पंजीयन का काम शुरू हुआ था। जिसकी अंतिम डेडलाइन 23 फरवरी निर्धारित की गई थी। उसमें भी कई किसानों के पंजीयन से वंचित रहने के कारण 9 मार्च तक का समय और बढ़ा दिया था। इसमें भी जब कई किसानों का पंजीयन नहीं हुआ तो 14 मार्च आखरी तिथि कर दी थी। गुरुवार को कई केंद्र पर वंचित किसान काफी संख्या में पंजीयन कराने पहुंचे। इसके चलते कई केंद्रों पर भीड़ भी देखने को मिली।

पत्रिका ने जाना पंजीयन का हाल
पत्रिका टीम ने अंतिम दिन 12 गांव के तहत आने वाले बिजौरी केंद्र पर पहुंचकर हाल जाना। यहां पता चला कि सर्वर डाउन चलने से एक किसान का पंजीयन होने में काफी समय लग रहा था। इस कारण किसान बाहर खड़े होकर अपने नंबर आने का इंतजार कर रहे थे। पंजीयन कर रहे कर्मचारी ने बताया कि पहले भी सर्वर की गति अचानक स्लो हो जाती थी, लेकिन आज ज्यादा हो गई जिससे समस्या आ रही है। केंद्र पर पिछलेे साल 863 पंजीयन हुए थे, जिसमें इस बार 865 किसानों का ही पंजीयन हुआ। केंद्र से बिजौरी, बिजौरा, बकतल, अवंतीपुरा, मोलगा, मीनीखेड़ी, कराडिय़ा भील, सेमली, राजूखेड़ी, जाकाखेड़ी आदि गांव जुड़े हैं। इसी तरह की ही स्थिति अन्य केंद्र पर थी।

दावे आपत्ति कर रहे किसान
कई पटवारियों ने किसानों की पूरी जमीन के रिकार्ड में गेहूं ही चढ़ा दिया है, जबकि उनके खेतों में चना की फसल भी है। इससे किसानों के सामने समस्या खड़ी हो गई कि रिकार्ड में गेहूं होने से चना कैसे बेच पाएंगे। वह कई दिन से दावे आपत्ति दर्ज कराकर सुधार के लिए भटक रहे हैं, लेकिन कुछ नहीं होने से मायूस नजर आ रहे हैं। ऐसे में अब भी स्पष्ट नहीं है कि सुधार होगा या नहीं। जिससे उनकी मुश्किल और बढ़ती दिख रही है।

साढ़े 6 हजार किसान बढ़े
इस बार अंतिम दिन तक जिले में 79 हजार 508 किसानों ने समर्थन केंद्र पर उपज बेचने पंजीयन कराया है। इसमें पिछले साल की तुलना में करीब साढ़े 6 हजार किसान ज्यादा है। उल्लेखनीय है कि आगामी 10 दिन बाद 25 मार्च से बनाए गए खरीदी केंद्रों पर खरीदी का काम शुरू होगा और यह 25 मई तक चलेगा। जिसमें पंजीकृत किसानों से उनकी उपज खरीदी जाएगी।

 

क्या बोले किसान:
– हमारी 25 एकड़ शामिल जमीन का पंजीयन कराया था। जिसमें पटवारी ने पूरी जमीन में ही सभी फसल को चढ़ाने की बजाए गेहूं का रिकार्ड चढ़ा दिया है। जबकि पांच एकड़ में चना है। उसमें सुधार कराने केंद्र आया तो नहीं हुआ है।

भूपेंद्रसिंह राय, किसान गांव अवंतीपुरा

– इतने दिन से समय नहीं मिलने के कारण अंतिम दिन पंजीयन केंद्र पर पंजीयन कराने आया तो यहां कुछ देर इंतजार भी करना पड़ी, तभी पंजीयन का काम हो सका। जिससे परेशानी का सामना भी करना पड़ा।

बाबूलाल वर्मा, किसान बिजौरी

-दो साल पहले एक एकड़ जमीनी खरीदने के बाद उसकी रजिस्ट्री और नामांतरण सब हो गया था। उसके बावजूद सोसायटी में रिकार्ड नहीं चढ़ा है। पंजीयन कराने आया तो मना किया जा रहा है। इस कारण मंडी में ही उपज बेचना पड़ेगी। –

राज मोहम्मद, किसान कोडिंया छीतू

-तैयारी कर ली है:
-हमारी तरफ से खरीदी केंद्रों पर खरीदी को लेकर पूरी तैयारी कर ली गई है। जिससे कि किसानों को परेशानी का सामना नहीं करना पड़े। जहां तक सर्वर की बात है तो लोड बढऩे के कारण यह स्थिति बनी थी।

शैलेष शर्मा, खाद्य एवं आपूर्ति अधिकारी सीहोर

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो