कृषि विभाग के अफसर भरपूर यूरिया का ढिंढोरा पीट रहे हैं, लेकिन असल में हकीकत कुछ और ही है। अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि एक बोरी यूरिया को लेकर किसानों को भटकना पड़ रहा है। गुरुवार को मंडी एमपी एग्रो सेंटर पर अलसुबह से ही महिला और पुरूष किसानों के पहुंचने से फिर व्यवस्था बिगड़ गई। व्यवस्था संभालने दो पुलिस जवान पहुंचे तो उनको तक जद्दोजहद करना पड़ी। करीब 300 से अधिक किसानों को लंबी कतार में खड़ा कराने के बाद यूरिया वितरण कराना पड़ा।
किसान बोले नहीं बढ़ाएं काउंटर
किसानों का आरोप था कि अफसर चाहते तो एमपी एग्रो केंद्र पर काउंटर बढ़ाकर समस्या दूर कर सकते थे। बावजूद इसके ऐसा नहीं किया गया। एक काउंटर से ही खाद की पर्ची मिलने के कारण व्यवस्था बिगड़ रही है, जिसका खामियाजा उनको परेशानी के रूप में भुगतना पड़ रहा है। कतार में खड़े कई किसान नंबर नहीं आने के चलते बीच में आक्रोश भी जाहिर करते हुए नजर आएं। किसानों ने बताया कि बाजार में जमकर यूरिया की कालाबाजारी चल रही है। कई व्यापारी मनमाने रुपए वसूल कर ब्लैक में यूरिया बेच रहे हैं।
कृषि विभाग के अधिकारियों की माने तो करीब 60 हजार से अधिक मीट्रिक टन यूरिया की डिमांड बनाकर उच्च स्तर पर भेजी है। जिसमें अब तक 49 हजार 300 मीट्रिक टन यूरिया आया है। जिसे सोसायटियों में भेजकर किसानों को डिस्ट्रीब्यूट करा दिया है। मंडीदीप से 600 एमटी यूरिया और आने का है।