यह बात किला जैन मंदिर में मुनिश्री निर्वेग सागर महाराज ने अपने आशीष वचन में कहीं। इससे पूर्व पर्यूूषण महापर्व की समाप्ति पर पाश्र्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर किला की जल यात्रा गाजे बाजे के साथ मुनि संघ के पावन सानिध्य में निकाली गई। जो नगर के प्रमुख मार्गो से होती हुई पार्वती नदी के तट अलीपुर के समीप स्थित पांडुक शिला के समीप पहुंची। यहां पर भगवान की पूजा अर्चना व अभिषेक किए गए। इसके बाद वापस जल यात्रा किला मंदिर पर पहुंची। यहां मुनिश्री ने प्रवचन दिए। अलीपुर चंद्रप्रभु जैन मंदिर की जल यात्रा सोमवार की दोपहर एक बजे निकलेगी।
इसी प्रकार मैना में दिगंबर जैन समाज द्वारा दस दिन से चल रहे पर्यूषण पर्व के समापन पर बैंडबाजों के साथ ग्राम के प्रमुख मार्गो से चल समारोह निकाला गया। इसमें समाज के महिला पुरुष एवं चंदन बाला मंडल की बालिकाएं भी नृत्य करते हुए चल रही थी। समाज के अध्यक्ष राजेश जैन ने बताया कि वर्ष में एक बार दस दिन का पर्यूषण पर्व उत्साह पूर्वक मनाते हैं। इस अवसर पर बाबूलाल जैन, मिट्टुलाल जैन, संतोष कुमार, अशोक कुमार, वीरेंद्र कुमार, ऋषभ, मनोज आदि थे।
इधर, स्वर्ण रथ पर सवार निकला जुलूस जावर. पर्यूषण पर्व के दौरान नगर के दिगंबर समाज द्वारा अनेक कार्यक्रम आयोजित किए गए। पंाच दिनों तक निर्जला रहकर कठिन उपवास करने वाली मनीषा पंकज जैन एवं तीन दिनों तक निर्जला कठिन उपवास करने वाली दिव्या पिता दिलीप जैन का बैंडबांजो के साथ स्वर्ण रथ पर सवार कर जुलूस निकाला गया। जुलुस दिगम्बर जैन मंदिर से प्रांरभ हुआ जो नगर के मुख्य मार्ग महावीर मार्ग, गांधी चौक होता हुए दिगम्बर जैन मंदिर पहुंचा। इसके पूर्व जहां भगवान महावीर स्वामी एवं श्रीजी की विधी विधान के साथ पूजा अर्चना की गई। इस दौरान बग्गी पर सवार मनीषा जैन व रोनक जैन का समाज के लोगों ने स्वागत किया।