बिजली कंपनी के सप्लाई ऑवर मैनेजमेंट सिस्टम (आइएसएचएमएस) पोर्टल की रिपोर्ट के मुताबिक सीहोर सर्किल में कंपनी के आदेश पर अमल होना बहुत ही मुश्किल है। सीहोर सर्किल में 11 केवी और 33 केवी फीडरों पर बीते तीन महीने में अपेक्षा से कई गुना ज्यादा घोषित और अघोषित बिजली कटौती की गई है। सर्किल में घोषित और अघोषित बिजली कटौती की यह स्थिति तब है जब बिजली कंपनी नेटवर्क ठीक करने के नाम पर करोड़ों रुपए खर्च कर रही है।
सर्किल में 87 करोड़ 65 लाख रुपए की लागत से अग्रवाल पावर प्रायवेट लिमिटेड द्वारा 18 मई 2017 से 209 फीडर पर सेपरेशन और 23 मिश्रित फीडर पर डेवलपमेंट का काम किया जा रहा है। रेकॉर्ड के मुताबिक यह काम 17 मई 2019 तक पूरा होना है, लेकिन अभी महज 50 फीसदी ही काम हो सका है, जबकि निर्माण एजेंसी 68 फीसदी राशि खर्च कर चुकी है। इसके अलावा सर्किल में आइपीडीएस स्कीम के तहत भी एक करोड़ 58 लाख रुपए के विभागीय काम कराए जा रहे हैं, इसके बावजूद भी घोषित और अघोषित बिजली कटौती पर अंकुश नहीं लग पा रहा है।
ट्रांसफार्मर भी दे रहे धोखा सर्किल में ट्रांसफार्मर फेल होने की शिकायत भी खूब आ रही है। पिछले साल जहां 12 महीने में दो हजार 555 ट्रांसफार्मर फेल हुए, वहीं इस बार अभी तक 444 से ज्यादा ट्रांसफार्मर फेल हो चुके हैं। बिजली कंपनी के संपर्क पोर्टल पर शिकायतें भी पिछले साल से ज्यादा इस साल दर्ज की जा रही है। जनवरी महीने में संपर्क सपोर्ट उपभोक्ता शिकायत में 666 शिकायत दर्ज हुई और फरवरी महीने में कंपनी को इस माध्यम से एक हजार 387 शिकायतें मिली हैं। शिकायतों का निराकरण करने में अफसरों का पसीना छूट रहा है।
213 पोलिंग बूथ पर देना है अस्थायी कनेक्शन बिजली कंपनी को चुनाव आयोग के आदेश पर लोकसभा के मतदान के लिए बनाए गए पोलिंग बूथ पर अस्थायी बिजली कनेक्शन देने हैं। सीहोर सर्किल के 857 पोलिंग बूथ में से 656 पर पहले से बिजली कनेक्शन है। शेष 231 पर कंपनी को 500 वॉट के अस्थायी कनेक्शन करना है।