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तीन घंटे की मशक्कत के बाद कार काटकर निकाले चार शव

locationसीहोरPublished: Jun 25, 2018 03:11:45 pm

Submitted by:

Manoj vishwakarma

दो मासूम बेटियों सहित चार लोगों की मौके पर मौत, दस वर्षीय नुपूर को खरोच तक नहीं

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तीन घंटे की मशक्कत के बाद कार काटकर निकाले चार शव

सीहोर/ आष्टा. इंदौर-भोपाल राजमार्ग पर आष्टा के मार्डन डेयरी के पास अंधी रफ्तार कार पीछे से ट्रक में जा घुसी, जिससे कार के परखच्चे उड़ गए। हादसे में कार में सवार दो मासूम बेटियों सहित चार लोगों के शव तीन घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद निकाले गए।इस दौरान कार के गेट और नट-वोल्ट को हथौड़े चलाकर तौड़ा गया। सड़क हादसे का कारण अंधी रफ्तार के साथ ही ट्रक चालक ने बिना इंडीकेटर चलाए वाहन को खड़ा कर रखा सामने आया है।

जानकारी के अनुसार कुरावर मंडी जिला राजगढ़ निवासी अनाज व्यापारी पवन सिंघी का परिवार शनिवार-रविवार की रात कार एमपी 39-सी1884 से वापस अपने शहर कुरावर लौट रहा था। बताया जाता है उनकी कार रात करीब तीन बजे इंदौर-भोपाल राजमार्गस्थित आष्टा के मार्डन डेयरी के पास से निकल रही थी।इसी दौरान रोड पर खड़े ट्रक एमपी 04 जीबी 0496 में पीछे से जा घुसी। जिससे पलभर में कार के परखच्चे उड़ गए।

हादसे में कार कीतेज रफ्तार होने के कारण वाहन में सवार पवन सिंघी की पत्नी माधुरी ४० वर्ष, उसकी दो बेटियां १४ वर्षीय पलक, छह माह की तारा सहित कार चालक कपिल शर्मा पिता गोपाल शर्मा ३२ वर्ष की मौके पर ही मौत हो गई। सूचना पर डायल-१०० और १०८ मौके पर पहुंचीं। इसके बाद ग्रामीणों की मदद से कार में फंसी डेड बॉडी को करीब तीन घंटे की मशक्कत के बाद बाहर निकाला।इसके साथ ही कार में सवार जख्मी हुए पवन सिंघी ४२ वर्ष पिता कैलाश और उनकी मां मधुवाला ६० वर्ष पत्नी कैलाश को उपचार के लिए आष्टा अस्पताल से इंदौर के वेदांता अस्पताल इंदौर रेफर कर दिया गया।

कार में सात सवारियां बैठी हुई थीं। इस दौरान पवन सिंघी की दस वर्षीय नुपूर भी सवार थी। कार एक्सीडेंट के नुपूर को खरोंच तक नहीं लगी। टीआई विजेन्द्र मस्कोले ने बताया कि कार से नुपूर को निकालने पर उसने पुलिस को बताया कि वह कार में सो रही थी। अचानक किसी के टकराने की आवाज आई।इसके बाद क्या हुआ उसे नहीं पता। कार से निकालने के बाद से मासूम अपनी मां को याद कर रही थी। इसके बाद उसके पिता पवन सिंघी ने उसे समझाइश देकर अपने साथ कर लिया।

 

टल सकता था गंभीर सड़क हादसा

आष्टा पुलिस की माने तो ट्रक के पंचर होने के कारण उसे सड़क के पास खड़ा किया गया था, लेकिन ट्रक के इंडीकेटर नहीं जल रहे थे।इसके साथ ही ट्रक के खड़े होने संकेत के लिए पास में रखे जाने वाले कुछ पत्थरों को भी नहीं रखा गया था। ट्रक के खड़े करने के बाद वाहन के कुछ दूरी पर एक पेड़ की डाली जरूर रखी गई थी। इसी दौरान तेज रफ्तार कार के पीछे से आने के चलते वाहन इस बात को समझ नहीं सका कि ट्रक खड़ा हुआ है। कार पर संतुलन नहीं होने होने के कारण वाहन पीछे से ट्रक में जा घुसा। टीआईने बताया कि ट्रक के इंडीकेटर जल रहे होते तो संभवत: गंभीर सड़क हादसा बच सकता था।
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