वह 8 जनवरी 2017 को करीब साढ़े 12 बजे दिन में पार्वती नदी में बने हुए गड्ढे में मोटर रखकर पानी फेरने गया था। उसी समय अभियुक्त हनीफ खां व काले खां ने आकर गाली-गलौच कर कहा कि तुझे गड्ढे से पानी नहीं फेरने देंगे। उमाशंकर ने कहा कि वह प्रत्येक साल इसी गड्ढे से पानी फेरता है। यह बात हनीफ खां व काले खां को नागवार लगी ओर उन्होंने पत्थर फेंककर हमला कर दिया।
उसी समय बलराम व राम अवतार बीच बचाव करने आए तो हनीफ खां, काले खां, अब्दुल्ला खां ने उनके साथ भी पत्थर से मारपीट की। वहीं लाठी लेकर आए और बलराम से भी मारपीट की। घटना के समय भगवान सिंह व अरूण उपस्थित थे। जिन्होंने पूरी घटना को देखा। आरोपी घटना को अंजाम देने के बाद यह भी कहते हुए चले गए कि गड्ढे में मोटर चलाकर पानी फेरा तो जान से खत्म कर देंगे। उमाशंकर ने श्यामपुर थाना पहुंचकर सभी आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कराया था।
कोर्ट ने सुनाया फैसला…
इस मामले में मुख्य न्यायिक मजिस्टे्रट ने गवाहों को सुनने और साक्ष्यों का अवलोकन करने के बाद अपना फैसला सुनाया। इसमें घाट पलासी निवासी आरोपी हनीफ खां, काले खां, अब्दुल्ला खां, मोटा खां को सजा सुनाकर अर्थदंड से दंडित किया है।
अनैतिक व्यापार कराने वाले को तीन साल का कारावास…
सीहोर। अनैतिक (देह) व्यापार कराने के मामले में आरोपी को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट शिवलाल केवट ने तीन साल की सजा सुनाई है। साथ में दो हजार रुपए के अर्थदंड से भी दंडित किया है। सहायक जिला अभियोजन अधिकारी केदार सिंह कौरव ने बताया कि 5 अगस्त 2012 को तत्कालीन कोतवाली सीहोर के नगर निरीक्षक सतीश महलवाला को सूचना मिली थी कि ब्रम्हपुरी कॉलोनी में लक्ष्मीनारायण उर्फ लच्छू के मकान में वैश्यावृत्ति के लिए एक लड़का और एक लड़की आए हैं।
टीआई प्रधान आरक्षक मेहरवान सिंह, साक्षी अफजल पठान, सतीश वर्मा के साथ मौके पर पहुंचे थे। यहां उनको दो लड़के और एक लड़की आपत्तिजनक अवस्था में मिले थे। उसी समय पुलिस को देखकर एक व्यक्ति पीछे के गेट से शर्ट पेंट लेकर भाग गया था। अद्र्धनग्न लड़की व एक लड़के से पूछताछ की तो हकीकत सामने आई थी। लड़की ने बताया कि वह मुंबई निवासी होकर एक अन्य लड़की के साथ भोपाल सुल्ताना बाजी के यहां निवास करती है।
वह दो से तीन साल से वैश्यावृत्त करा रही है। वैश्यावृत्ति में जो रुपए मिलता है, उसका आधा हिस्सा सुल्ताना बाजी को देती है। उसका घर पुष्पा नगर ऐशबाग में है। वहां उपस्थित एक अन्य व्यक्ति से पूछताछ करने पर उसने स्वयं का नाम लक्ष्मीनारायण बताया। उसने साथी अप्पू के साथ भोपाल जाकर सुल्ताना बाजी को 3500 रुपए देकर 24 घंटे के लिए वैश्यावृत्ति के लिए लड़की को सीहोर लाना बताया था। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने महावीर मार्ग लीसा टॉकीज के पास निवासी आरोपी लक्ष्मीनारायण उर्फ लच्छू पिता मनोहरलाल को अनैतिक व्यापार अधिनियम में दोषी पाते हुए सजा सुनाकर अर्थदंड से दंडित किया है।