गल्ला व्यवसायियों ने महासंघ के आव्हान पर अपनी मांगों को लेकर शुक्रवार से हड़ताल पर चले गए। व्यापारियों ने बताया कि मंडी एवं मंडी बोर्ड अधिकारियों द्वारा इ-नीलामी एवं इ-अनुज्ञा व्यवस्था के लिए अनावश्यक दबाव डाला जा रहा है, जो उचित नहीं है। इसके संंबंध में २६ जून को व्यापारियों के प्रतिनिधियों ने कृषि मंत्री एवं बाल विकास मंत्री गौरी शंकर विसेन से विभिन्न समस्याओं से अवगत कराया गया था।
उस समय प्रबंध संचालक मंडी बोर्ड भी मौजूद था। उनके समक्ष कृषि मंत्री ने स्पष्ट रूप से अनुज्ञा पत्र एवं नीलामी की वर्तमान व्यवस्था को यथावत रखने तथा व्यापारियों पर अनावश्यक दबाव नहीं डालने का कहा गया था। इसके बाद भी स्थिति में सुधार नहीं होने पर मंडी व्यापारियों ने अनिश्चित कालीन हड़ताल शुरू कर दी है। मंडी व्यापारी संघ के जितेन्द्र राठौर, सुरेश शर्मा ने बताया कि हड़ताल के चलते मंडी दिनभर सूनी रही। मंडी में हड़ताल से अनुमानत: दो करोड़ रुपए का कारोबार प्रभावित होना शुरू हो गया है। व्यापारियों का कहना है कि मांगें नहीं माने जाने पर हड़ताल अनिश्चित काल के लिए जारी रहेगी।
इधर, हड़ताल में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी भी हुए शामिल लिपिकों की मांगों को लेकर की जा रही अनिश्चित कालीन हड़ताल पाचवें दिवस भी जारी रही। लिपिकों की हड़ताल में शुक्रवार से चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी कर्मचारी भी शामिल हो गए। लिपिक वर्ग कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष राजेन्द्र मिश्रा ने बताया कि जिले में ६३ विभागों के कर्मचारी हड़ताल पर चल रहे हैं। जिले में करीब ६५० कर्मचारी हैं। इसके साथ ही चतुर्थ वर्ग के करीब १५०० से कर्मचारी चतुर्थ श्रेणी अध्यक्ष गीता प्रसाद शर्मा के हड़ताल का समर्थन करने से शासकीय कार्यालयों में काम पूरी तरह से ठप हो गया है।
हड़ताल के पांचवें दिन लिपिकों ने शासन को सद्बुद्धि देने के लिए साई बाबा को ज्ञापन सौंपा गया। हड़ताल के चलते कलेक्ट्रेट, तहसील, लोक निर्माण, जल ससाधन ,लोकस्वास्थ्य यांत्रिकीय, चिकित्सा आदिम जाति कार्यालयों,में कार्य पूरी तरह प्रभावित रहे।लोगो को अपने काम के लिए परेशान होना पड़ रहा है।इसके साथ ही जो कर्मचारी हडताल में शामिल नहीं हो रहे है उनका उनके कार्यालय मे जाकर फूल मालाओं से स्वागत किया गया।