11 दिन से ‘कुंडली’ बना रहा था प्रशासन
भूमाफिया कलीम पठान के अवैध कब्जे से सरकारी जमीन को मुक्त करने की स्क्रिप्ट 25 जुलाई से लिखना शुरु हुई थी। तब तहसील परिसर के सामने खाली पड़ी सरकारी जमीन पर तहसील स्टाफ पौधारोपण करने की प्लानिंग कर रहा था लेकिन तभी भूमाफिया कलीम पठान को इस बात की भनक लग गई और पहले से ही जमीन पर नजरें टिकाए हुए बैठे कलीम खान ने रात में ही मजदूरों को ले जाकर वहां पर गेट लगाने पहुंच गया। इस दौरान तहसीलदार एसआर देशमुख से उसका विवाद भी हुआ था और तहसीलदार ने एफआईआर भी थाने में दर्ज कराई थी। बस इसी के बाद प्रशासन ने कलीम पठान की कुंडली तलाशना शुरु की और अब उस पर इस बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया। प्रशासन ने जेसीबी से खाईखेड़ा में सरकारी जमीन पर खड़ी सोयाबीन की फसल और फॉर्म हाउस जमीदोंज कर दिया है साथ ही कांजी हाउस की जमीन पर बना टीनशेड भी तोड़ दिया है।
कांग्रेस सरकार में था सलीम पठान का जलवा
बता दें कि जिस कांग्रेस नेता भूमाफिया कलीम पठान पर अब कार्रवाई की है उसका कुछ महीनों पहले तक प्रदेश में रही कांग्रेस सरकार के दौरान जलवा था। वो सीहोर जिले के प्रभारी मंत्री आरिफ अकील का करीबी माना जाता था। कलीम पठान अभी दोराहा का मंडलम अध्यक्ष भी है। कलीम कांग्रेस की सरकार के समय जिले के आला-अफसरों के साथ बैठता था। तत्कालीन प्रभारी मंत्री आरिफ अकील या जिले के आला-अफसर जब भी दोराहा जाते थे तो सबसे पहले कलीम पठान ही आगे खड़ा होता ता लेकिन सरकार बदलने के बाद अफसरों के स्वर भी बदल गए और एक झटके में भू-माफिया का रसूख चकनाचूर हो गया है। पुलिस रिकॉर्ड में कलीम के खिलाफ आइपीसी की करीब 50 धारा में 12-14 आपराधिक प्रकरण भी दर्ज हैं। पुलिस ने इनके खिलाफ प्रतिबंधात्मक कार्रवाई भी की, लेकिन इनके रसूख के आगे कोई नहीं टिका।
दल बल के साथ कार्रवाई करने पहुंचा प्रशासन
कलीम खान के रसूख को देखते हुए अब जब प्रशासन कार्रवाई करने पहुंचा तो पूरा दल बल साथ था। सभी थाने से 10-10 कर्मचारियों का बल, महिला बल में शक्ति स्क्वॉड, पुलिस लाइन सीहोर से 20 अधिकारी, कर्मचारी बज्र वाहन के साथ तैनात थे। इसके अलावा 1-4 का आर्म्स बल और राजस्व अमला मौके पर मौजूद था।