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यहां ताले में कैद रहता अस्पताल, भटकते हैं मरीज

locationसीहोरPublished: Dec 04, 2021 11:09:49 am

Submitted by:

Anil kumar

रीजों को होती है परेशानी फिर भी की जा रही है अनदेखी

उपस्वास्थ्य केंद्र

उपस्वास्थ्य केंद्र

रमेश वाजपेयी, कोलार डैम. बीमारी का स्थानीय स्तर पर ही लोगों को आसानी से उपचार मिले इस उद्देश्य से शासन स्वास्थ्य सेवाओं के नाम पर लाखों रुपए खर्च कर रहा है। बावजूद ज्यादा कुछ बदलाव होता नहीं दिख रहा है। सारस का उपस्वास्थ्य केंद्र इसकी हकीकत बयां कर रहा है। जिसमें सुविधा के नाम पर कुछ नहीं है। ग्रामीणों का तो यह तक आरोप है कि उपस्वाथ्य केंद्र नियमित समय पर खुलता ही नहीं है और ताला लगा रहता है। जिससे उनको इलाज कराने के लिए परेशान होकर इधर-उधर भटकना पड़ता है।

इछावर विकासखंड से 75 किमी दूर गांव सारस को उपस्वास्थ्य केंद्र की सौगात मिली तो लोगों को लगा था कि उनको इलाज कराने में राहत होगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ है। सुपरवाइजर और सेक्टर डॉक्टर की लापरवाही से इस उपस्वास्थ्य केंद्र का ठीक से लाभ नहीं मिल रहा है। खास बात यह है कि इस उपस्वास्थ्य केंद्र को आरोग्यम में तब्दील कर दिया है, उसके बावजूद बदलाव के नाम पर कुछ नहीं हुआ है।
लगा रहता है ताला
सरकार ने तहसील मुख्यालय से दूरस्थ गांवों में उपस्वास्थ्य आरोग्य केंद्र स्थापित कर स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने का जनहित में जो कदम उठाया था वह सारस में अधिकारी-कर्मचारियों की अनदेखी से लापरवाही की भेंट चढ़ गया है। ग्रामीणों का आरोप है कि कई बार समय पर उपस्वास्थ्य केंद्र का ताला तक नहीं खुलता है। इससे मरीजों को खाली हाथ लौटना पड़ता है।
नहीं हो पाती है डिलेवरी
इस उपस्वास्थ्य केंद्र से सारस के साथ मगरपाठ, लोहा पठार आदि गांव जुड़े हैं। इसे डिलेवरी सेंटर भी बनाया गया है। जिससे कि महिलाओं की आसानी से डिलेवरी हो सकें, लेकिन महिलाओं को ज्यादा लाभ नहीं मिल पाया है। उपस्वास्थ्य कें द्र में सुविधाओं के अभाव में महिलाओं को डिलेवरी के लिए लाते हैं तो परिजन को मायूस होकर जाना पड़ता है। इसके बाद डिलेवरी के लिए सीहोर, भोपाल या बिलकिसगंज ले जाना पड़ता है। बता दे कि केंद्र में सोनोग्राफी सहित अन्य कोई सुविधा नहीं है।
गरीब लोग करते हैं निवासी
सारस और आसपास के गांव में अधिकांश गरीब आदिवासी वर्ग के लोग निवास करते हैं। माधोसिंह बारेला ने बताया कि उपस्वास्थ्य केंद्र में यह स्थिति होने से दिक्कत तो होती पर क्या कर सकते हैं जिम्मेदार हैं कि देखने को तैयार नहीं है। परदास बारेला का कहना है कि केंद्र में सुविधा बढ़ाकर नियमित खोलना चाहिए, जिससे कि मरीज को परेशानी नहीं हो। मुकेश बारेला ने बताया कि उपस्वास्थ्य केंद्र की व्यवस्था में बदलाव नहीं हुआ तो मजबूरी में बड़ा कदम उठाना पड़ेगा।
वर्जन…
सारस का उपस्वास्थ्य केंद्र रोजाना खुलता है। वहां एक कर्मचारी की ड्यूटी लगाई गई है। यदि उपस्वास्थ्य केंद्र नियमित रोजाना नहीं खुल रहा है तो इसकी जानकारी ली जाएगी। कर्मचारी की लापरवाही मिली तो कार्रवाई की जाएगी।
डॉ.बीबी शर्मा, बीएमओ इछावर

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