वर्षो से सीहोर की पीएचइ लैब पुराने भवन में चल रही थी। भवन में जगह का अभाव होने से कई तरह की समस्या आती थी। पिछले साल लैब को एनएबीएल (नेशनल एक्रीडिटेशन बोर्ड फॉर टेस्टिंग एंड केलीब्रिशेन लेबोरेटरी) बनाने की स्वीकृति हो गई। लैब एनएबीएल तो हुई, लेकिन भवन पुराना होने से समस्या आ रही थी, जिसे देखते हुए पास में ही 1500 स्क्वायर फीट का नया भवन बनाने का काम चालू हुआ। नए भवन की खासियत यह है कि पुराने भवन से तीन गुना ज्यादा बड़ा और सर्वसुविधायुक्त है। इस भवन के तैयार होते ही एनएबीएल लैब को शिफ्ट कर दिया है। इससे लोगों को राहत मिलेगी। बता दे कि एनएबीएल लैब में हाइटेक मशीन से पानी की शुद्धता जांची जाती है। खास बात यह है कि पानी गुणवत्ता की सौंपी गई जांच रिपोर्ट भारत सहित 110 देशों में मान्य है। पीएचइ अधिकारियों की माने तो जांच रिपोर्ट को कोई चैलेंज नहीं कर सकता है।
इनकी होती है पानी में जांच
लैब प्रभारी नरेंद्र कुमार ने बताया कि पानी में टर्बिलिटी, पीएच मान, कंडेक्टिविटी, टीडीएस, टोटल हार्डनेश, केल्शियम, मेग्निशियम, फ्लोराइड, एल्किनिटी, आयरन, नाइट्रेट, सल्फेट आदि तत्व की लैब में जांच की जाती है। यह जांच आयन मीटर, पीएच मीटर, कंडेक्टिविटी मीटर, टॢबडिटेमीटर, स्पेक्ट्रोफोटोमीटर सहित अन्य यंत्र से होती है। लैब में एक महीन केे अंदर 300 सैंपल तक आते हैं। इसमें देखा जाता है कि कौन सा तत्व कितना कम और ज्यादा है। उसके बाद कमी या फिर तत्व की अधिकता का लेवल बराबर करने के उपाय बताएं जाते हैं। जिससे कि इस पानी का सेवन करने से शरीर पर कोई विपरीत प्रभाव नहीं पड़े।
इधर गांव में की पानी की व्यवस्था
पीएचइ इइ एमसी अहिरवार ने बताया कि नसरुल्लागंज के मनासा गांव में पानी की समस्या को दूर करने के लिए बोर खनन कराया है। बोर खनन होते ही इसे पाइप लाइन से कनेक्ट कर लोगों को पानी दिया जाएगा। इससे लोगों को किसी तरह की दिक्कत नहीं होगी।
वर्जन…
एनएबीएल लैब का नया भवन बनकर तैयार हो गया है। इसमें लैब को शिफ्ट कर दिया गया है। इस भवन में लोगों को हर तरह की सुविधा मिलेगी और समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा।
एमसी अहिरवार, इइ पीएचइ सीहोर