गाय के गोबर की आपूर्ति गोशाला से हो रही है। इसके लिए शहर के सैकड़ाखेड़ी पर स्थित प्रगति आजीविका गाय के गोबर से दीपक और प्रतिमा बनाने का प्रशिक्षण किया जा रहा है। आजीविका मिशन की तरफ से दीपक बनाने की मशीन भी मुहैया कराई जा रही हैं। पीओपी की गणेश और लक्ष्मी प्रतिमा की जगह गाय के गोबर से बनी प्रतिमा की पूजा-अर्चना होने से एक तरफ प्रदूषण कम होगा और स्वयं सहायता समूह से जुड़ी इन महिला को रोजगार मिलेगा। रविवार को प्रशिक्षण महिलों को इसका प्रशिक्षण भी दिया गया। प्रशिक्षक अंजू अजय अग्रवाल ने कहा कि सरकार समूह की महिलाओं के सपनों का साकार कर रही है। प्रदेश में महिला स्वयं सहायता समूह द्वारा स्कूल में मध्यान्ह भोजन, आंगनबाड़ी पूरक पोषण आहार, पीडीएस दुकान, गोशाला संचालक और गेहूं, चना खरीदी जैसे कार्य किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि असंगठित ग्रामीण महिलाओं को संगठित कर रोजगार के अवसर मुहैया करना सरकार की सराहनीय पहल है। अभिभाषक शोभना महाजन और नीतू मुकेश गुप्ता ने भी समूह की महिलाओं को संबोधित किया। कार्यक्रम के दौरान प्रगति अजीविका समूह की सचिव गायत्री विश्वकर्मा ने बताया समूह की एक दर्जन से अधिक महिलाओं के द्वारा मेकरम से गणेश, झुमर, योगा मेट, कुशन आदि का निर्माण किया जाता है। अब गाय के गोबर से दीपाली के दीपक बनाएंगे। प्रशिक्षण शिविर में ओमवती, प्रेम बाई, ममता भारती, धन्नू बाई, हरकु बाई, कृष्णा, मनकुवर, सीमा, चंद्रकला, चंदा, शिप्रा और पूजा आदि शामिल थीं।