पिछले साल अच्छी बारिश होने और आष्टा शंकर मंदिर के पास बैराज के समय पर गेट लगने से पार्वती नदी लबालब हो गई थी। इस पानी को चोरी होने से बचाने नपा ने टीम का गठन किया था। टीम की उदासीनता के चलते कई किसानों ने नदी में चोरी छिपे मोटर रखकर पानी से सिंचाई कर ली। इसका नतीजा यह हुआ कि फरवरी के दूसरे सप्ताह में ही पार्वती नदी पुल के पास खाली हो गई है। जितना पानी बचा है वह भी कुछ दिन का ही शेष रह गया है। इसे देखते हुए नगर पालिका के अफसर हरकत में आए हैं।
पांच करोड़ रुपए है बकाया राशि
रामपुरा तालाब से सिंचाई करने भले ही किसानों को पानी नहीं मिले, लेकिन सिंचाई विभाग आष्टा शहर के लिए 4.5 एमसीएम (मीलियन क्यूबिक मीटर) पानी रिजर्व रखता है। इस पानी को छोडऩे के लिए एक निर्धारित राशि नपा को सिंचाई विभाग को जमा कराना होती है। पिछले कई साल से थोड़ी बहुत राशि जमा कर पानी तो छुड़ा लेती है, लेकिन शेष राशि को जमा कराना उचित नहीं समझती है। कई साल से यह स्थिति होने के कारण अब राशि बढ़कर पांच करोड़ रुपए हो गई है। नगर पालिका के सामने अब समस्या यह आ रही है कि इतनी राशि को जमा कहां से कराएं। वहीं दूसरी तरफ सिंचाई विभाग इसलिए परेशान है कि राशि को कैसे वसूला जाएं। यही वजह है कि विभाग ने इस बार नपा के सामने यह शर्त रखी है।
एक दिन छोड़कर होता है पानी सप्लाई
नगर पालिका अभी एक दिन छोड़कर शहर में करीब 20 लाख लीटर पानी सप्लाई करती है। कई वार्ड के लोगों का कहना है कि उनको यह पानी नियमित नहीं मिलता है। जिससे हैंडपंप या फिर इधर-उधर से पानी लाकर काम चलाना पड़ता है। इससे उनको काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। उल्लेखनीय है कि पिछले साल भीषण जलसंकट के चलते नपा को दूसरी जगह से खरीदकर लोगों की प्यास बुझाना पड़ी थी। उस दृश्य को देखकर लोग अब भी चिंता में हैं। उनका कहना है कि कहीं वह दिन इस साल भी नहीं देखने पड़ जाएं।