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बे-खोफ रेत माफिया कर रहा अवैध उत्खनन, चुप्पी साधे खनिज अमला

locationसीहोरPublished: Dec 05, 2018 02:47:44 pm

Submitted by:

Rabindra Rai

अवैध उत्खनन से बिगड़ रहा नर्मदा का स्वरूप, ओवर लोड रेत के डंपरों से नगर की सड़कें हुई जर्जर…

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नर्मदा घाट से कुछ इस प्रकार निकाल रहे रेत।

सीहोर. प्रतिबंध के बावजूद नर्मदा से रेत निकाले जाने का काम क्षेत्र के नर्मदा घाटों पर लगातार जारी है। नसरुल्लागंज तहसील के ग्राम छीपानेर में तो सैकड़ों ट्रैक्टर-ट्राली एक साथ नर्मदा से रेत निकालने के काम में लगे हुए हैं। इन्हें शासन-प्रशासन का कोई डर नहीं है, दिन के समय ही एक साथ इतने ट्रैक्टर-ट्राली नर्मदा से रेत निकालने के काम में लगे हैं जो प्रशासन के लिए प्रश्न चिन्ह बने हुए हैं, क्या यह रात का काम प्रशासन की मिलीभगत से हो रहा है। नहीं तो क्या इसकी जानकारी प्रशासन को नहीं है यह प्रश्न क्षेत्र के नर्मदा भक्तों के मन में बार-बार उठ रहा है

रेत से भरे डंपर ट्रैक्टर-ट्रालियां नसरुल्लागंज की सड़कों पर कतारबद्ध निकल रहे हैं, लेकिन इन पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। सरकार द्वारा नर्मदा नदी से रेत निकालने पर लगाए प्रतिबंध के नियम की क्षेत्र में धज्जियां उड़ रही हैं। नर्मदा घाटों से रेत धड़ल्ले से निकाली जा रही है। इस काम में सैकड़ों ट्रैक्टर-ट्रालियां लगे हैं। सरकार द्वारा नर्मदा नदी को बचाने के प्रयास अब केवल कागजों की शोभा बढ़ा रहे हैं। कीचड़ आयल ग्रीस लगे ट्रैक्टर-ट्राली सीधे नर्मदा नदी में जाकर खड़े हो रहे हैं और उनमें रेत भरी जा रही है। सरेआम हो रहा रेत का अवैध परिवहन किसी को नजर नहीं आ रहा है।

क्षेत्र के ग्राम छीपानेर में एक साथ सैकड़ों ट्रैक्टर-ट्राली नर्मदा से रेत निकालने के काम में लगी हुई है जहां की जानकारी शासन-प्रशासन और माइनिंग विभाग को भी है, लेकिन इन पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती है। पहले तो कहा जाता था कि राजनीति एवं नेताओं के कारण इन ट्रैक्टर-ट्राली एवं डंपर पर कार्रवाई करने में प्रशासन के हाथ डगमगाते हैं, लेकिन वर्तमान में आचार संहिता लगी हुई है।
इसके कारण कोई भी नेता किसी भी अधिकारी से इस संबंध में कोई बातचीत नहीं कर सकता है प्रशासन के हाथ पूरी तरह खुले हैं इसके बावजूद रेत के इस अवैध कारोबार करने वालों पर प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं करता है। छीपानेर में एक साथ सैकड़ों ट्रैक्टर-ट्राली नर्मदा नदी में खड़ी हुई हैं जो नर्मदा से रेत निकालने के काम में लगी हैं इसके कारण नर्मदा का अस्तित्व खतरे में पड़ता जा रहा है। ट्रैक्टर- ट्राली या नदी में खड़ी होने के कारण जहां नर्मदा के पानी को दूषित कर रही हैं वहीं रेत के दोहन से नर्मदा छलनी होती जा रही है।

रोजाना निकल रही 250 ट्रैक्टर-ट्राली रेत
प्रतिबंध के बाद क्षेत्र की सड़कों पर रोजाना 200 से 250 डंपर एवं ट्रैक्टर-ट्रालियां निकल रहे हैं। रेत से भरे डंपर और ट्रैक्टर-ट्रालियां नसरुल्लागंज की सड़कों पर कतारबद्ध निकल रहे हैं, लेकिन इन पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। इनके खिलाफ राजस्व विभाग और पुलिस विभाग द्वारा कभी-कभार कार्रवाई करता है। माइनिंग विभाग की निश्क्रियता के चलते रेत माफियाओं के हौंसले बढ़ते जा रहे हैं। नर्मदा का हृदय छलनी होता जा रहा है। नर्मदा से रेत के उत्खनन पर परिवहन पर प्रतिबंधित क्षेत्र में दिखाई नहीं दे रहा है। माइनिंग विभाग की निष्क्रियता के चलते क्षेत्र में धड़ल्ले से रेत का कारोबार हो रहा। कई बार रेत कारोबारियों के बीच आपस में मारपीट विवाद भी हो रहे हैं। इसके बावजूद भी सख्त कार्रवाई प्रशासन द्वारा नहीं की जा रही है।
इन्होंने कहा
नर्मदा से अवैध रूप से रेत निकाले जाने वाले वाहनों पर लगातार कार्यवाही की जा रही है यहां तक की डंपर और हाईवा पर राज साथ किए जाने की कार्यवाही भी की जा रही है इसके बावजूद अगर नर्मदा से चोरी की रेट ले जाते हुए कोई वाहन दिखाई देगा तो उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
पीसी पांडे, तहसीलदार नसरुल्लागंज

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