रेत माफिया कितने बेखौफ होकर अपने काम को अंजाम दे रहे हंै इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि नगर के बस स्टैंड चौराहे पर मौजूद पुलिस की डायल 100 गाड़ी की निगरानी में रेत से भरे ओवरलोड डंपर रोजाना निकाले जा रहे हैं। जिन पर कार्रवाई क्यों नहीं होती यह सोंचकर लोग अचंभित हैं।
बीतें दिनों राजस्व व खनिज विभाग की संयुक्त कार्रवाई में रेत से भरे डंपरों के विरुद्ध जब्ती की कार्रवाई की गई, लेकिन प्रशासनिक कार्रवाई माफियाओं के हौंसले डिगा नहीं पाई। जानकारी के अनुसार भोपाल में रेत के भावों में आई तेजी है। दस से बाहर हजार रुपए प्रति डंपर बिकने वाली रेत पचास हजार रुपए बिक रही है।
इन घाटों पर हो रहा अवैध उत्खनन
नर्मदा के किनारे बसे शाहगंज, जनवासा, सरदारनगर, नारायणपुर व नांदनेर के नर्मदा घाटों से रेत का काला कारोबार जारी है। नर्मदा किनारे बसे गांवों में रेत माफिया पोकलेन व जेसीबी मशीन का उपयोग कर नर्मदा से रेत निकालकर किनारे पर डंप करते हैं और फिर डंपरों की सहायता से परिवहन करते हैं।
अरुणा सिंह, टीआई, शाहगंज