पीडि़त ने बताया कि आइटीआई में वह दिसंबर 2018 से अस्थाई कर्मचारी के रूप में कंप्यूटर ऑपरेटर के पद पर पदस्थ है। आरोपी आइटीआई अधीक्षक वेतन अहरण का चैक देने की एवज में एक बार 6500 रुपए पीडि़त से रिश्वत ले चुका है। पीडि़त लोकायुक्त में शिकायत करने के लिए उस समय मजबूर हुई, जब आरोपी ने हर महीने 2500 रुपए रिश्वत देने की मांग की। पीडि़त ने बताया कि उसे महज 10500 राशि वेतन के रूप में मिलती है। नौकरी का भी कोई भरोसा नहीं है कि सरकार कब बाहर कर दे। ऐसे में अधीक्षक का हर महीने रिश्वत मांगने को लेकर लोकायुक्त में शिकायत दर्ज कराई और अधीक्षक की हकीकत सबके सामने आ गई।
पीडि़त ने आइटीआई के अधीक्षक प्रजाति पर छेड़छाड़ के भी आरोप लगाए हैं। छेड़छाड़ का मामला नसरुल्लागंज थाने में महिला पुलिसकर्मी के नहीं होने के कारण लंबित किया गया है। बताया जा रहा है कि कंप्यूटर ऑपरेटर ने लोकायुक्त कार्रवाई के बाद जिस समय आइटीआई अधीक्षक के खिलाफ छेड़छाड़ का मामला दर्ज कराने थाने में आवेदन दिया, उस समय थाने में पदस्थ महिला पुलिसकर्मी किसी काम से सीहोर आई हुई थीं। उम्मीद है महिला पुलिस के नसरुल्लागंज पहुंचते ही पीडि़त के बायान होंगे और आरोपी अधीक्षक पर मामला दर्ज किया जाएगा।
– पीडि़त आइटीआई नसरुल्लागंज में कंप्यूटर ऑपरेटर के पद पर पदस्थ है। पीडि़त से 2500 रुपए हर महीने रिश्वत देने के लिए अधीक्षक दबाव बना रहे थे। लोकायुक्त पुलिस ने रंगेहाथ आइटीआई अधीक्षक को रिश्वत लेते गिरफ्तार किया है। -उमा कुशवाह, टीआई लोकायुक्त