स्कूल के प्राचार्य ने छात्रों की सुरक्षा को लेकर पीडब्ल्यूडी को पत्र लिख स्कूल भवन को कंडम घोषित कर नवीन बिल्डिंग बनाने का आग्रह किया है, वहीं पीडब्ल्यूडी के अफसरों ने फिलहाल इसका मेंटेनेंस कर उपयोग करने की बात कही है। मालूम हो, Excellence School Sehore को पहले शासकीय उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय क्रमांक-1 के नाम से जाना जाता था, यह स्कूल न केवल शैक्षणिक स्तर को लेकर प्रदेश और देश में जाना जाता है, बल्कि यह अपने इतिहास को लेकर भी अपनी अलग पहचान रखता है।
शासकीय उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय क्रमांक-1 स्कूल का इतिहास बताता है कि पिछले 200 साल में इस स्कूल का नाम चार बार बदला जा चुका है। इस स्कूल में खिलचीपुर के महाराज karan singh और राजगढ़ के कुंवर विजेन्द्र सिंह ही नहीं, बल्कि देश के राष्ट्रीय स्व. मो. हिदायतुल्ला और dr. shankar dayal sharma भी इसी स्कूल के छात्र रहे हैं।
1819 से अस्तित्व में स्कूल
जानकार बताते हैं कि 1819 में बनी शासकीय उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय क्रमांक 1 स्कूल के भवन में अंग्रेजी हुकूमत की कलेक्ट्रेट लगती थी। अंग्रेजी हुकूमत के पतन के बाद नबावों के शासनकाल में इस भवन में शहर-ए-यार से बदल कर बहुउद्देशीय हायर सेकंडरी स्कूल कर दिया गया। इसके बाद फिर से स्कूल का name बदला और बालक हायर सेकंडरी स्कूल कर दिया गया। 2004 में एक बार फिर इस स्कूल का नाम बदलकर शासकीय उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय क्रमांक-1 कर दिया।
शत प्रतिशत रहता है रिजल्ट
शासकीय उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय क्रमांक-1 के शैक्षणिक स्तर का पता इस बात से भी लगाया जा सकता है कि बोर्ड परीक्षा में इस स्कूल का रिजल्प 100 प्रतिशत रहता है। प्रदेश और जिले की मैरिट में भी एक दो-छात्र इस स्कूल से मिलते हैं। इस बार भी इस स्कूल का एक छात्र प्रदेश की मैरिट में आया है।
वर्जन….
– स्कूल भवन जर्जर हो चुका है, इसे कंडम घोषित करने के लिए pwd को पत्र लिखा है। पीडब्ल्यूडी के अफसरों का कहना है कि अभी मेंटेनेंस कर बिल्डिंग को उपयोग में लिया जा सकता है।
आरके बांगरे, प्राचार्य शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय सीहोर