जावर शहर में नगर परिषद जलापूर्ति को पूरा करने में वर्तमान समय में फैल साबित हो रही है। हाल यह है कि तीन दिन तक लोगों को प्यास बुझाने के पानी का नलों मेंं आने इंतजार करना पड़ रहा है। यह पानी भी सिर्फ 30 से लेकर 45 मिनट के लिए ही दिया जाता है। जिससे लोगों के सामने भटकने की नौबत आ गई है। इस स्थिति में लोगों को इधर उधर या फिर हैंडंपप से पानी लाकर काम चलाना पड़ रहा है। ऐसे में लोगों के सामने क्या स्थिति बनती होगी अंदाजा लगाया जा सकता है। उल्लेखनीय है कि सर्दी के मौसम ने अभी दस्तक भी नहीं दी है, उसमें यह हाल है तो आगे क्या होगा लोग यही सोचकर परेशान हैं।
अभी यह है पानी स्टोरेज की स्थिति
नगर पंचायत के पास वर्तमान में तीन जगह पानी स्टोरेज करने के साधन हैं। इसमें एक पानी की बड़ी टंकी और दो इंटेकवेल है। टंकी और इंटेकवेल को ट्यूबवेल से भरने के बाद उस पानी को शहर में सप्लाई किया जाता है। अफसरों का तर्क है कि पानी को ज्यादा स्टोरेज करने और संसाधन की जरूरत है। यह होने के बाद ही नगर में पर्याप्त पानी
8 हजार आबादी है शहर की
जावर में 15 वार्ड हैं और 8 हजार 200 की आबादी है। वहीं 800 नल कनेक्शन है। कहने को तो 39 हैंडपंप हैं, लेकिन 17 हैंडपंप पिछले कई समय से बंद होकर शोपीस बने हुए हैं। 22 ट्यूबवेल हैं उनमें से भी कई नहीं चल रहे हैं। ऐसे में देखा जाएं तो आबादी के हिसाब से नपं के पास पानी के भी पर्याप्त जलस्त्रोत नहीं है। इस साल फरवरी महीने की शुरूआत से ही नगर में पानी की समस्या पैदा हो गई थी। यह मार्च अप्रैल आने तक हायतौबा में बदल गई थी। लोगों को दो से किमी दूर से पानी लाकर काम चलाना पड़ा था। पानी की समस्या दूर करने लोगों ने विरोध प्रदर्शन करने के साथ ही नपं के सामने मटके तक फोड़े थे। यह मंजर लोग अब भी नहीं भूल पाएं हैं।