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खेतों में खड़ी सोयाबीन फसल पर मंडराया खतरा

locationसीहोरPublished: Jul 24, 2018 02:47:12 pm

अगले तीन दिन भारी बारिश के आसार, मौसम विभाग ने किया अलर्ट

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खेतों में खड़ी सोयाबीन फसल पर मंडराया खतरा

सीहोर। बारिश रूकने की आस लगाए बैठे लोगों को आगामी दिनों में राहत के कोई आसार नहीं है। मौसम विभाग ने भविष्यवाणी जारी कर अगले तीन दिन हल्की के साथ तेज बारिश होने की बात कहीं है। ऐसे में यही हाल रहे तो खरीफ फसल खेत में ही बर्बाद हो जाएगी। इससे किसानों के चेहरे की रौनक मायूसी में बदल गई है।

जिले में सीहोर, आष्टा सहित अन्य जगह सुबह से तेज और रिमझिम बारिश का शुरू हुआ सिलसिला रुक-रुककर शाम तक चलता रहा। हाल ये थे कि लोग दूसरी जगह जाने कुछ देर बारिश थमने का इंतजार करते रहे। जब ऐसा नहीं हुआ तो मजबूरी में भीगते और ठिठुरते हुए ही जाना पड़ा। इससे उनको परेशानी उठाना पड़ी तो कामकाज भी प्रभावित हुए। उन लोगों को ज्यादा दिक्कत उठाना पड़ी जिनको महत्वपूर्ण काम से दूसरी जगह जाना था। इधर मौसम विभाग ने फिर से अलर्ट जारी कर दिया है। मौसम विभाग की माने तो अगले तीन दिन हल्की के साथ तेज बारिश भी हो सकती है।

जिले में औसत बारिश का आंकड़ा 23 इंच पर पहुंचे
जिले में 23 जुलाई तक पिछला चौबीस घंटों में 28.7 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गई। इसे मिलाकर 1 जून से अभी तक जिले मे 603.0 मिमी 24 इंच औसत बारिश रिकॉर्ड की जा रही है और गिट वर्ष इस अवधि में 392.2 मिमी करीब 16 इंच औसत वर्षा आंकी गई थी। भू अभिलेख से मिली जानकारी के अनुसार पिछले चौबीस घंटों में सीहोर में 23.3, श्यामपुर में 25, आश्र में 17 इछढ़ में 14, जावर में 27 बुधानी में 4 9, रेहती में 48, निररुल्लागंज में 26 मिमी बारिश दर्ज की गई।

आंकड़े के मुताबिक जिले में अभी तक सीहोर में 900.4, श्यामपुर में 527, आकृति में 552 जावर में 467, इछवार में 665, नर्सूल्लागंज में 382.2, बुधवार में 5 99 और रेहटी में 731 मिली वर्षा रिकॉर्ड की गई। इस अवधि में गत वर्ष सीहोर में 384.4, श्यामपुर में 374.5, आकृति में 270, जावर में 284, इछार में 378.2, नर्सूल्लागंज में 474, बुधनी में 539 और रेहटी में 433.6 मिलीमीटर वर्षा रिकॉर्ड की गई थी।

खराब होने लगी फसल
इस बार समय पर बोवनी होने से खेत में फसल लहलहा रही है। इसमें लगातार बारिश के चलते कई जगह किसानों के निचले खेतों में पानी भर गया है। इसके चलते फसल पीली पड़कर खराब होने लगी है। किसान खेत पर जाकर पानी निकासी करता है। उसके बाद वापस बारिश होने से निचले खेतों में पानी भर जाता है। किसान राम सिंह ने बताया कि पहले से ही प्राकृतिक आपदा से फसल बर्बाद हो रही है। इस साल अच्छी फसल है तो उसे भी बारिश खराब करने लगी है। बोवनी के बाद से ही फसल ने धूप देखी नहीं है। इससे उसकी ग्रोथ भी धीमी पड़ती जा रही है। बता दे कि जिले में खरीफ फसल का तीन लाख से अधिक हेक्टेयर का रकबा है। इसमें सबसे ज्यादा सोयाबीन फसल का है। इस फसल को बचाने किसान महंगी कीटनाशक दवा आदि लाकर छिड़काव कर रहे हैं।

आसार नहीं है
-आगामी तीन दिन हल्की के साथ तेज बारिश के आसार हैं। किसान बारिश के चलते अपने खेतों में पानी निकासी की व्यवस्था करें।
डा.एसएस तोमर, मौसम वैज्ञानिक, आरएके कॉलेज सीहोर

बारिश से फसल खराब होने की अभी कोई जानकारी नहीं मिली है। वर्तमान में सोयाबीन की अच्छी फसल की बात ही सामने आई है।
एसके राठौर, एडीए सीहोर
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