ज्ञात रहे कि जनवरी 2018 में नसरुल्लागंज सहित अन्य थानों में खड़े राजसात किए रेत के डंपरों को फर्जी तरीके से छुड़वाया गया था। सोमवार को कलेक्टर ने कलेक्ट्रेट में भृत्य पद पर पदस्थ रहे मुख्य आरोपी उपेंद्र वर्मा उर्फ सोनू को मप्र सिविल के अंतर्गत कदाचरण की परिधि में आने से तत्काल प्रभाव से शासकीय सेवा से बर्खास्त कर दिया। इसी तरह खनिज विभाग में पदस्थ दो लिपिक सुनील यादव सहायक ग्रेड 3, रंजना पाराशर सहायक ग्रेड 3 और भृत्य प्रकाश चंद्र को भी कार्य में लापरवाही व उदासीनता पाए जाने के कारण तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया था। जांच में दोषी पाए जाने पर इन तीनों को भी कलेक्टर ने कदाचरण की परिधि में आने से वेतनमान के निम्नतम प्रक्रम पर अवनत करने की दीर्घ शास्ती (कठोर कार्रवाई) से दंडित किए जाने के आदेश जारी किए हैं।
अवैध पकड़े गए 38 डंपरों के चालकों पर प्रकरण दर्ज
इधर, शुक्रवार को राजस्व, पुलिस और खनिज विभाग ने संयुक्त रूप से कार्रवाई करते हुए डंपरों को पकड़ा था। कुछ रेत खाली कर भाग भी गए थे। थाना नसरूल्लागंज पुलिस ने चमेटी छिदगांव के बीच से अवैध रूप से रेत चोरी कर परिवहन करते पाए जाने पर 38 ट्रक के चालकों के विरूद्ध प्रकरण दर्ज किए हैं।
दूसरे जिले के घाटों की कैसे मिली रायल्टी, होगी कार्रवाई
ज्ञाात रहे कि इन डंपरों में कुछ के पास होशंगाबाद और इटारसी स्थित घाट की रायल्टी मिली थी। इसे लेकर भी प्रशासन सख्ती से पड़ताल कर रहा है। खनिज विभाग के अनुसार यह डंपरों के पास अन्य जिलों की रायल्टी कैसे पहुंचीं है। इसे लेकर भी जानकारी निकाली जा रही है। इस मामले में कलेक्टर तरूण कुमार पिथौड़े ने कहा कि रायल्टी कटाने वाले तथा जिन घाटों की रायल्टी काटी गई है, उन पर भी कार्रवाई की जाएगी।