बताया जाता है कि ग्रामीणों द्वारा कई बार सरपंच, सचिव के साथ तमाम पंचायत कर्मियों को अवगत कराने के बाद भी ग्राम में सफाई के नाम पर कुछ नहीं हुआ। मुख्य सड़कों पर पानी बह रहा है, हर जगह पर कचरे के ढेर लगे हुए हैं। इससे लोग परेशानी उठा रहे हैं। इसके बाद भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इधर पंचायत के सचिव विजय मीना का तर्क है कि गांव में एक ही स्वीपर है।
जिसका वेतन भी समय पर नहीं दिया जा रहा है। इसके कारण से स्वीपर नहीं बढ़ाया जा रहा है। वही देखने को ग्राम में हाट बाजार की वसूली प्रतिमाह लगभग 10 से 12 हजार के बीच की जा रही है। जिसका आय व्यय आज तक नहीं दर्शाया गया है। जबकि स्वीपर को मात्र प्रतिमाह करीब ४ हजार रूपये की राशि दी जाती है।
देखा जाए तो बाजार हाट की उगाही में ही तीन स्वीपर को रखा जा सकता है। लेकिन राशि का बहाना लेकर मात्र एक स्वीपर से काम लिया जा रहा है। सचिव ने बताया कि गांव बड़ा है और स्वीपर एक ही है। जिसकी वजह से थोड़ी बहुत परेशानी तो होती ही है। हमने उस कचरे को उठाकर सफाई भी करवा दी है। ग्रामीण लोगों को खुद सोचना चाहिए कि कचरा न करें। थोड़ा बहुत कचरा तो होता ही है। पर, कोशिश करें कि कम से कम कचरा हो। जिससे गांव साफ सुधरा बना रहे।