इस प्रकार के आयोजनों से अनावश्यक खर्च से बचा जाता है। समाज के हर वर्ग में बढ़ते सामूहिक विवाह इस बात का प्रमाण हैं कि इस प्रकार के आयोजनों की स्वीकार्यता समाज में बढ़ी है।
जातिगत भेदभाव मिटाने के लिए इस प्रकार के आयोजन सभी के लिए अनुकरणीय हैं। सामूहिक विवाह आयोजनों से समाज में नई जागृति आई है।
धन होता है आवश्यक व्यय
राज्यपाल ने कहा कि इस प्रकार के आयोजनों से सामाजिक समरसता का भाव पैदा होता है। जहां अमीर गरीब सभी अपने पुत्र-पुत्रियों का विवाह एक स्थान पर एकत्रित होकर करते हैं। ऐसे आयोजनों में जो धन आवश्यक रूप से व्यय किया जाता है, उसे बचाकर नवदंपत्ति अपने भविष्य को सजाने संवारने में कर सकते हैं।
बाल विवाह को रोकें
बाल विवाह जैसी कुप्रथा का उल्लेख करते हुए राज्यपाल ने कहा कि बाल विवाह अभिशाप है। ऐसे विवाहों को रोकने के लिये सामाजिक जागरूकता पैदा करना होगी। समाज के सामने वर-वधु की उम्र की सही जानकारी होने पर बाल विवाह रोके जा सकते हैं।
उन्होंने व्यक्तिगत उदाहरण देते हुए बताया कि कैसे उन्होंने अपने स्वयं के भतीजे का बाल विवाह रूकवाया था।
सामूहिक विवाह समारोह के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में सांसद आलोक संजर, जिला पंचायत इंदौर की अध्यक्ष कविता पाटीदार, कृषि उपज मंडी भोपाल की अध्यक्ष श्यामा पाटीदार सहित जनप्रतिनिधि तथा दूर दराज क्षेत्रों से आये गणमान्य अतिथि उपस्थित थे। जिनकी उपस्थिती में इस कार्यक्रम को सम्पन्न किया गया।