वन्य प्राणियों के हमले बढऩे से ग्रामीणों में दहशत, वन विभाग नहीं कर रहा सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
सीहोर। वन्य प्राणियों की लगातार आमद से शहर के अंतिम छोर और गांवों के रहवासियों में चिंता बढ़ती जा रही है। भीषण गर्मी से जंगल में पानी नहीं है। पानी की तलाश में जंगली जानवर गांव की ओर आने लगे हैं।
पिछले दिनों में जंगल से लगे गांवों और शहरी क्षेत्र में जंगली जानवरों के के हमले बढ़े हैं। इससे ग्रामीण दहशत में हैं। हर दूसरे-चौथे दिन में वन्य प्राणी जानवरों के साथ-साथ ग्रामीण पर हमला कर रहे है। इसके बाद भी विभाग मरहम ही लगा रहा है, लोगों को राहत राशि भी नहीं मिल पा रही है। इंसानों पर जंगली जानवर के हमले में वन विभाग तात्कालिक राशि के रूप में पीडि़त को एक हजार रुपए देता है। जबकि पीडि़त को इलाज कराने में कई बार हजारों रुपए खर्च हो जाते हैं। इसके बाद भी उसे रूपए नहीं मिल पाते हैं। रूपए के लिए पीडि़त को भटकने पर मजबूर होना पड़ता है। वन विभाग घायल के इलाज में लगने वाली राशि के बिल बाउचर उपलब्ध कराने के बाद ही राशि उपलब्ध कराता है।
बुदनी के पंडाडो गांव में 10 अप्रैल को तेजाराम के 12 साल के बेटे चंदन पर तेंदुए ने हमला कर घायल कर दिया था। इस मामले में भी बालक तभी से होशंगाबाद अस्पताल में भर्ती है।उन्हें राहत राशि नहीं मिल सकी है। चंदन के मुंह, गर्दन व जबड़े पर दांत व नाखून के गहरे घाव आए हैं। जख्मों पर 12 टांके लगे हैं। चंदन गांव के ही सरकारी स्कूल में छटवीं कक्षा में पढ़ता है। गांव के सरपंच संतोष भील ने बताया कि गांव के बच्चे चंदन का चंदा कर इलाज कराया जा रहा है। इसी तरह 9 अप्रैल को रेहटी क्षेत्र के म_ा गांव में भी खेत से घर आ रहे 15 वर्षीय मोनू पिता केदार सिंह पर तेंदुए ने पीछे से हमला कर दिया। इस मामले में घायल के परिजनों को अभी तक तात्कालिक सहायता में एक हजार की राशि ही वन विभाग ने दी है।
बुदनी के जंगल में तेंदुए और बिलकिसगंज क्षेत्र में बाघ की दस्तक
दशहरा मैदान पर सुबह 11 बजे से वृहद नि:शक्तजन कल्याण शिविर का आयोजन शुरू होगा। जिसमें जिलेभर से आने वाले 4248 निशक्तजनों को लाभान्वित किया जाएगा। नि:शक्तजनों को तीन करोड़ 62 लाख रुपए के सहायक उपकरण वितरित किए जाएंगे। कलेक्टर जेके जैन ने बताया कि शिविर एक ऐतिहासिक शिविर साबित होगा। जिसमें अब तक की सबसे बड़ी संख्या में निशक्तों को एक साथ लाभान्वित किया जाएगा। सभी निशक्तों को एल्मिको द्वारा सहायक उपकरण वितरित किए जाएंगे।
आदमखोर को पकडऩे की कवायद तेज
बुदनी वन परिक्षेत्र के देवगांव, तालपुरा, जलाखेड़ा मे एक माह के आदमखोर वन्य प्राणी द्वारा लोगों को घायल कर क्षेत्र में दहशत का माहौल बना दिया है। वन विभाग के उच्चाधिकारियो द्वारा तीन दिन से संभावित क्षेत्र मे रात्रि गश्त कर पटाखे फोड़कर वन्य प्राणी को पिंजरो मे कैद करने की कोशिश की जा रही है। वन विभाग के एसडीओ बीपी सिंह का कहना है कि वन संरक्षक के आदेशानुसार आदमखोर वन्य प्राणी को पिंजरे में बंद करने देवगांव के जंगल मे भी एक पिंजरा लगाया जा रहा है। वहीं संभावित क्षेत्र मे सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे है ताकि यदि उस क्षेत्र से कोई भी वन्य प्राणी गुजरता है तो उसकी कैमरे मे फोटो आने पर पहचान की जा सके।
पानी की व्यवस्था के लिए भेजा प्रस्ताव
दिनों-दिन गर्मी बढ़ती जा रही है। इसका असर वन्य प्राणियों पर पडऩे लगा है। गर्मी बढऩे की वजह से वन्यप्राणियों को भी पेयजल समस्या से जूझना पड़ रहा है। गर्मी बढऩे के साथ अब वन्य प्राणी शहर व गांवों की तरफ रूख करने लगे है। हर वर्ष गर्मी का मौसम शुरू होते ही वन्य क्षेत्रों में पानी की कमी होने लगती है। जिसके चलते वन्य प्राणी पानी और भोजन की तलाश में शहर एवं गांवों की ओर आते है। वन्य प्राणियों के लगातार हमले की वारदात इस बात को सही भी सिद्ध कर रहे हैंं। इसके बाद भी जंगल में पानी की व्यवस्था की तरफ ध्यान नहीं दिया है। हैरत की बात यह है कि बुदनी में लगातार घटनाओं के बाद जंगल में वन्य प्राणियों की टैंकरों के माध्यम से पानी की व्यवस्था के लिए अभी प्रस्ताव ही भेजा है।
इस तरह हुए वन प्राणियों के हमले
– 10 अप्रैल को बुदनी के पंडाडो गांव में तेजाराम के बेटे चंदन (12) पर तेंदुए ने हमला कर दिया था। चंदन का होशंगाबाद अस्पताल में इलाज चल रहा है।
– 09 अप्रैल को रेहटी के म_ागांव में खेत से घर आ रहे मोनू पिता केदार सिंह (15) पर तेंदुए ने पीछे से हमला कर दिया। मोनू के सीधे पैर में घुटने के नीचे तेंदुए के दांत के 3-4 निशान लगने से बुरी तरह घायल हो गया था। मोनू सातवीं का छात्र है।
– 09 अप्रैल को ही बुदनी के ग्राम तालपुरा में नारायण सिंह आदिवासी अपनी बेटी रितिका (चार) के साथ आंगन में सो रहा था। तभी तेंदुआ रितिका को मुंह में दबा कर भाग गया। परिजन पीछे दौड़े तो तेंदुआ बालिका को छोड़ भाग गया। रितिका को होशंगाबाद में भर्ती कराया गया।
– 11 मार्च को नसरुल्लांगज से करीब 15 किलोमीटर दूर महादेव बेदरा गांव में रात दो बजे एक तेंदुआ कुएं में गिर गया। बताया जाता है कि तेंदुआ खेत में बंधी एक बकरी का शिकार कुएं में गिरा। कुएं में ही बकरी का शव भी पड़ा मिला था।
– मार्च में बिलकिसगंज के वीरपुर, केरवाडेम, कोलारडेम से लेकर अन्य गांवों में बाघ के जानवरों पर हमले के मामले आए। ओबेदुल्लागंज तरफ बाघ का मूवमेंट बताया जा रहा है।
– 26 फरवरी की रात इछावर के ग्राम मूंडला में एक तेंदुआ घुस आया। इससे ग्रामीणों में हड़कंप मच गया। जैसे-तैसे ग्रामीणों ने तेंदुआ को जंगल में खदेड़ा। क्षेत्र में पिछले दो सप्ताह से तेंदुए की मूवमेंट दिखाई देने से क्षेत्रवासियों में दहशत है