भागवत कथा का श्रवण करने से श्रीकृष्ण की कृपा होती: महाराज
कथा में मनाया भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव

सीहोर. आज कलियुग में जहां अनेक प्रकार की बुराइयां है। उन बुराइयां से समाज को मुक्त करने का पवित्र और आध्यात्मिक साधन श्रीमद् भागवत है। भागवत कथा का श्रवण करने से श्रीकृ ष्ण की कृ पा होती है।
यह बात शहर के पावर हाउस चौराहे पर जारी सात दिवसीय भागवत कथा में कथा वाचक आध्यत्मिक गुरू जितेंद्र महाराज ने कहीं। शनिवार को कथा के दौरान भगवान श्रीकृ ष्ण का जन्मोत्सव मनाया गया। महाराज ने कहा कि मानव को भौतिक सुख शांति तो प्राप्त हो सकती है, लेकिन भगवान श्रीकृ ष्ण की जिन पर अतिकृ पा होती है। उन्हें श्रीमद भागवत यज्ञ में कथा सुनने का अवसर और साधु संतों का सानिध्य प्राप्त होता है। हमारे जीवन में अनेक दुख है, लेकिन इन दुखों को दूर करने के लिए सिर्फ ईश्वर की भक्ति ही सर्वोच्च है। परमात्मा हर किसी को नहीं मिलता सच्चे मन से ईश्वर की आराधना करने पर ही भगवान की प्राप्ति होती है। सभी लोग बचपन से उम्र भर उल्टे सीधे कामों में अपनी जिंदगी को व्यर्थ करते हैं, लेकिन ईश्वर की प्राप्ति नहीं होती। वहीं सच्चे मन से ईश्वर का ध्यान लगाने से हमारे मन में अच्छे संस्कार आते है और हमारे मनुष्य जीवन की सफ लता मिलती है।
निजी स्वरूप समाप्त नहीं होता
महाराज ने बताया कि पूर्ण दिव्य ज्ञान प्राप्त कर लेने के बाद मनुष्य भगवान से गुणात्मक समता प्राप्त कर लेता है और जन्म मरण के चक्र से मुक्त हो जाता है। जीवात्मा के रूप में उसका वह स्वरूप समाप्त नहीं होता। वैदिक ग्रंथों से ज्ञात होता है कि जो मुक्तात्माएं वैकुंड जगत में पहुंच चुकी हैं वे निरंतर परमेश्वर के चरण कमलों के दर्शन करती हुई उनकी दिव्य प्रेमाभक्ति में लगी रहती हैं। मुक्ति के बाद भी भक्तों का अपना निजी स्वरूप समाप्त नहीं होता। महाराज ने कहा कि सभी को ईश्वर की शरण में लेकर उनके नाम का जाप करना चाहिए। ऐसा करने से जीवन में आने वाली परेशानी दूर हो जाएगी। सात दिवसीय भागवत कथा में रविवार को छप्पन भोग और फ ाग महोत्सव का आयोजन किया जाएगा।
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