scriptइस मंदिर में हर भक्त की मुराद होती है पूरी, इस सोमवार जरूर करें इनके दर्शन | lord shiva temple in sehore, this temple is very special | Patrika News

इस मंदिर में हर भक्त की मुराद होती है पूरी, इस सोमवार जरूर करें इनके दर्शन

locationसीहोरPublished: Aug 12, 2018 01:30:04 pm

इस मंदिर में हर भक्त की मुराद होती है पूरी, इस सोमवार जरूर करें इनके दर्शन

sehore, sehore news, sehore patrika, patrika news, patrika bhopal, bhopal mp, latest hindi news, temple, sehore temple, lord shiva, shiv mandir,

इस मंदिर में हर भक्त की मुराद होती है पूरी, इस सोमवार जरूर करें इनके दर्शन

सीहोर। श्रावण मास में भगवान भोले के दर्शन मात्र करने से पाप खत्म हो जाते हैं। शहर के तहसील चौराहे पर स्थित मनकामेश्वर मंदिर पर पहुंचने वाले भक्तों के बारे में ऐसा ही कहा जाता है। यहां भोले बाबा कभी भी अपने भक्तों को निराश नहीं करते। मनकामेश्वर मंदिर में तो महादेव अपने भक्तों की सभी इच्छाएं पूरी कर देते हैं। इसके साथ ही यहां बनी बावड़ी का भी अपना इतिहास है। सर्दी, गर्मी, बारिश पूरे साल इनमें समान तल पर पानी बना रहता है।

sehore, </figure> sehore news, <a  href=sehore patrika , patrika news , patrika bhopal , bhopal mp , latest hindi news , Temple , sehore temple, Lord Shiva , shiv mandir , ” src=”https://new-img.patrika.com/upload/2018/08/12/mandir_3245806-m.jpg”>

मनकामेश्वर मंदिर पर श्रावण मास में भक्तों का तांता लगा हुआ है। तहसील चौराहे के पास स्थित मनकामेश्वर मंदिर पेशवाकालीन है। इस मंदिर में भगवान के दर्शन मात्र से भक्तों के पाप खत्म हो जाते हैं और मन्नत पूरी जाती है। इस मंदिर की विशेषता है कि यहां बनी बावड़ी में हमेशा पानी रहता है। मनकामेश्वर मंदिर में श्रावण मास में बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं। मनोहारी शिव मंदिर में वैसे तो सालभर भक्तों का तांता लगा रहता है, लेकिन श्रावण मास में मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना के अलावा भव्य रूप से भोले का श्रृंगार किया जाता है।

sehore, <a  href=
sehore news , sehore patrika, patrika news, patrika bhopal, bhopal mp, latest hindi news, temple, sehore temple, lord shiva, shiv mandir, ” src=”https://new-img.patrika.com/upload/2018/08/12/mandir2_3245806-m.jpg”>

महाराष्ट्र की पुरातत्व वेत्ता लता अपलूचकर ने गत वर्षो में सीहोर आने पर इस मंदिर के पेशवाकालीन होने की बात कही थी। इस बात का पिछले सालों में मनकामेश्वर मंदिर के जीर्णोद्वार में बावड़ी में लगे पत्थर निकलने पर तथ्य सामने आ चुका है। शहर के वरिष्ठ ओमदीप ने बताया कि मनकामेश्वर मंदिर की प्रतिमा नर्मदा स्टोन की बनी है यह प्राचीन है, नंदेश्वर उसी समय के हैं। पूर्व में यहां भोलेनाथ की प्रतिमा ही थी। करीब दो सौ साल पुराने इस मंदिर के पास करीब तीन-चार दशक पहले तक जंगल जैसी स्थिति थी। इसी तरह बावड़ी का भी अपना इतिहास है। बावड़ी में हमेशा पानी बना रहता है। इसके पानी मीठा होने के साथ वर्षभर बना रहता है।

ट्रेंडिंग वीडियो