बिजली विभाग के मेंटेनेंस के तमाम दावों के बीच शहर में कई जगह पेड़ों पर लटके तार मेंटेनेंस की बेहतरी की गवाही देते साफ देखे जा सकते हैं। यहां पेड़ की डालियों के बीच से बिजली के तार हादसे को निमंत्रण देते साफ देखे जा सकते हैं। कुल मिलाकर मेंटेनेंस के नाम पर कि गई कटौती पूरी तरह से इस कहानी को झूठलाती दिख रही हैं।
वहीं पेड़ की शाखाओं पर लटके बिजली के तार दुर्घटना को आमंत्रण दे रहे है। जिसके चलते हल्की हवा के झौंके से ही शहर में कई जगह बिजली गुल हो जा रही है। ऐसे समझें पूरा मामला…
बिजली कंपनी द्वारा पूरी गर्मी मानसून मेंटेनेंस के नाम पर घंटों बिजली कटौती की गई। इस दौरान चार से आठ घंटे भरी गर्मी में बिजली गुल की गई, लेकिन इस मेंटेनेंस का नतीजा पूरे शहर में कहीं भी देखने को नहीं मिल रहा है। हालात यह है कि अब बारिश के चलते हवा आंधी का दौर शुरू हो गया है। थोड़ी सी भी हवा चलने पर बिजली के तार टूटने की घटनाओं के कारण घंटों बिजली गुल रहती है। इसका खामियाजा आम लोगों को कटौती के रूप में भुगतना पड़ रहा है।
बिजली कंपनी द्वारा पूरी गर्मी मानसून मेंटेनेंस के नाम पर घंटों बिजली कटौती की गई। इस दौरान चार से आठ घंटे भरी गर्मी में बिजली गुल की गई, लेकिन इस मेंटेनेंस का नतीजा पूरे शहर में कहीं भी देखने को नहीं मिल रहा है। हालात यह है कि अब बारिश के चलते हवा आंधी का दौर शुरू हो गया है। थोड़ी सी भी हवा चलने पर बिजली के तार टूटने की घटनाओं के कारण घंटों बिजली गुल रहती है। इसका खामियाजा आम लोगों को कटौती के रूप में भुगतना पड़ रहा है।
भरी गर्मी में की कटौती…
गर्मी के मौसम में 40 डिग्री से अधिक तापमान में प्री-मानसून मेंटेनेंस शेडयूल बनाया था। इस दौरान घंटों बिजली कटौती किए जाने से शहर के लोगों को भरी गर्मी में पसीना बहाना पड़ा। इसके बावजूद भी अब तक कंपनी को काम पूरा नहीं हो सका।
गर्मी के मौसम में 40 डिग्री से अधिक तापमान में प्री-मानसून मेंटेनेंस शेडयूल बनाया था। इस दौरान घंटों बिजली कटौती किए जाने से शहर के लोगों को भरी गर्मी में पसीना बहाना पड़ा। इसके बावजूद भी अब तक कंपनी को काम पूरा नहीं हो सका।
शहर के इंदौर नाका, इंदौर-भोपाल रोड, मंडी गंज सहित अनेक जगह बिजली कंपनी के द्वारा लगाए गए पोलों की भी कुछ यही हालत है। तारों के झूलने के हालात यह है कि इन तारों को जमीन पर खड़े होकर छुआ जा सकता है। बारिश और हवा की स्थिति में पेड़ों पर झूलते तार जमीन पर गिर सकते हैं।
गड्ढों में ट्रांसफार्मर से करंट का डर…
बारिश का मौसम भी शुरू हो गया है और कभी भी शहर में मानसून आ सकता है। इस दौरान हवा आंधी के साथ पानी भी बरसेगा। बिजली कंपनी ने कई ट्रांसफार्मरों को अभी तक शिफ्ट भी नहीं किया है। कई जगह तो पानी भराव वाले क्षेत्र में ट्रांसफर्मर लगे हुए हैं।
बारिश का मौसम भी शुरू हो गया है और कभी भी शहर में मानसून आ सकता है। इस दौरान हवा आंधी के साथ पानी भी बरसेगा। बिजली कंपनी ने कई ट्रांसफार्मरों को अभी तक शिफ्ट भी नहीं किया है। कई जगह तो पानी भराव वाले क्षेत्र में ट्रांसफर्मर लगे हुए हैं।
बारिश का पानी भरने के कारण करंट फैलने से किसी भी अनहोनी घटना से इंकार नहीं किया जा सकता है, लेकिन इस दिशा में कोई ठोस कदम अब तक नहीं उठाए गए है। एक ट्रांसफार्मर तो ठीक कलेक्ट्रेट के सामने गड्ढे में लगा हुआ खतरों को आमंत्रण दे रहा है।
बिजली कंपनी मनमाने बिल देकर तो प्रताडि़त कर ही रही है। वही मेंटनेंस के नाम पर घंटो बिजली कटौती कर परेशानी में डाल रही है। आए दिन बिजली के पोल से चिंगारियां निकलती रहती है। इसे मेंटेनेंस का अंदाजा लगाया जा सकता है।
– राहुल मालवीय, इंग्लिशपुरा
– राहुल मालवीय, इंग्लिशपुरा
पेड़ की शाखाओं पर ही करंट के तार लटके हुए हैं। हवा चलने पर कई बार तार टूटकर जमीन पर गिर जाते हैं। सूचना देने के बाद भी समय पर कोई भी नहीं आता। इन लटकते तारों के कारण कई बार हादसे की आशंका बनी रहती है।
– नीरज रैकवार, मंडी
– नीरज रैकवार, मंडी
बारिश में बिजली के पोलों से करंट आता रहता है। पहले भी ऐसे हादसे हो चुके है। हर बार मेंटेनेंस किया जाता है, इसके बाद भी हल्के हवा के झौंके से घंटों बिजली गुल हो जाती है।
– जाकिर हुसैन, कस्बा
– जाकिर हुसैन, कस्बा
मेंटनेंस का काम लगभग पूरा हो गया है। जमीन से लगे ट्रांसफार्मरों को पानी की पहुंच से दूर किया जा रहा है। मेंटेनेंस को लेकर अगर कही कोई कमी पाई जाती है तो उसे कर्मचारियों द्वारा ठीक करा दिया जाएगा।
– आशुतोष चंद्रा, एई बिजली कंपनी, सीहोर