दरअसल अंधेरी रात में व्यक्ति को अचानक से दूसरी गाड़ी में शिफ्ट किए जाने ने विभाग के दावों की पोल खोलकर रख दी है। जिसके चलते अब विभाग के अधिकारी जल्द ही मामले की शिकायत करने व कार्रवाई करने का आश्वासन देते आसानी से देखे जा सकते हैं।
ये है मामला…
दरअसल सीहोर जिले की इमरजेंसी सेवा 108 ने एक फिर धोखा दे दिया। जिसके चलते एक बार फिर सडक पर दौड़ती एंबुलेंस अचानक एक झटके के साथ बीच रास्ते में ही रुक गई। ऐसे में अंधेरी रात में लंबे इंतजार के बाद मरीज को दूसरे वाहन में शिफ्ट कर उपचार के लिए भेजा गया।
दरअसल सीहोर जिले की इमरजेंसी सेवा 108 ने एक फिर धोखा दे दिया। जिसके चलते एक बार फिर सडक पर दौड़ती एंबुलेंस अचानक एक झटके के साथ बीच रास्ते में ही रुक गई। ऐसे में अंधेरी रात में लंबे इंतजार के बाद मरीज को दूसरे वाहन में शिफ्ट कर उपचार के लिए भेजा गया।
जानकारी के अनुसार रेहटी के पास दुर्घटना में गोविंद सोनी के सिर में गंभीर चोटे आई थी। जिसे रेहटी 108 से भोपाल हमीदिया रेफर किया गया था। दुर्घटना में घायल के परिजन उदय सोनी ने बताया कि भोपाल जाने के रास्ते में ग्राम राला के पास बुधवार की रात करीब 10.40 बजे वाहन की लाइट व्यवस्था ठप होने से वाहन बंद हो गया। जिसके बाद 108 में मौजूद स्टाफ ने वाहन की लाइट चालू करने का प्रयास किया, लेकिन वाहन की बिजली नहीं चली। इस बीच करीब 40 मिनट का समय बीत गया।
जिसके बाद नसरूल्लागंज का वाहन मौके पर पहुंचा। तब कहीं जाकर मरीज को दूसरे वाहन से भोपाल रवाना किया गया। वहीं कंपनी के ही एक कर्मचारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि आष्टा की एंबुलेंस स्टाफ के अभाव में खड़ी रही तो वही सीहोर की ट्रैफिक एंबुलेंस की डीजल खत्म होने के कारण पेट्रोल पंप पर ही खड़ी रही।
ये कैसे इमजेंसी वाहन…
वहीं जानकारों का इस संबंध में कहना है कि मरीजों को बेहतर उपचार समय पर दिलाने जिलेभर में 15 इमजेंसी वाहन 108 संचालित किए जा रहे हैं। लेकिन कंपनी की लापरवाही के चलते अभी भी कंडम और अनफिट वाहन सड़कों पर दौड़ रहे हैं। आपातकालीन 108 एंबुलेंस के एक बार फिर धोखा देने का मामला साफ तौर से दर्शाता है कि ये इमजेंसी वाहन इमजेंसी में इस्तेमाल के लिए नहीं वहीं इमजेंसी उत्पन्न करने के लिए कार्य कर रहे हैं।
वहीं जानकारों का इस संबंध में कहना है कि मरीजों को बेहतर उपचार समय पर दिलाने जिलेभर में 15 इमजेंसी वाहन 108 संचालित किए जा रहे हैं। लेकिन कंपनी की लापरवाही के चलते अभी भी कंडम और अनफिट वाहन सड़कों पर दौड़ रहे हैं। आपातकालीन 108 एंबुलेंस के एक बार फिर धोखा देने का मामला साफ तौर से दर्शाता है कि ये इमजेंसी वाहन इमजेंसी में इस्तेमाल के लिए नहीं वहीं इमजेंसी उत्पन्न करने के लिए कार्य कर रहे हैं।
रेहटी वाहन लाइट समस्या के चलते बंद हुई थी। दूसरे वाहन की व्यवस्था कर मरीज को भेजा गया। स्टाफ और डीजल की समस्या को तुरंत हल करवा कर व्यवस्था शुरू की जा रही है।
– रवि चौकसे, 108 जिला प्रभारी भोपाल
– रवि चौकसे, 108 जिला प्रभारी भोपाल