न्याय दो-न्याय दो, दीया को इंसाफ दो। कुछ इसी तरह के नारों के साथ शहरवासी एकजुट होकर सेमलिया गांव निवासी दीया को इंसाफ दिलाने के लिए सोमवार शाम को हाथों में कैंडल लेकर सड़कों पर निकले। उल्लेखनीय है कि सीकर में अध्ययनरत दीया ने अपने गांव में आत्मदाह कर लिया था।
शहर के करीब दो दर्जन सामाजिक, राजनीतिक व धार्मिक संगठनों के पदाधिकारी व शहरवासी नगर परिषद् के बाहर एकत्र हुए। यहां पर दीया को इंसाफ दिलाने तथा श्रद्धांजलि देने के लिए कैंडल जलाए। वहां से सभी हाथों में जलते कैंडल लेकर रवाना हुए। इस दौरान एक जीप में दीया की बड़ी तस्वीर भी लगाई गई, जिस पर जस्टिस फॉर दीया लिखा हुआ था।
साथ ही दीया की मौत के लिए जिम्मेदार शिक्षकों पर कार्रवाई की मांग को लेकर नारे लगा रहे थे। मार्च कलक्ट्री सर्किल पर समाप्त हुआ, जहां श्रद्धांजलि सभा आयोजित की गई। इसमें विभिन्न संगठनों के पदाधिकारियों ने इस मामले में प्रशासन व पुलिस पर कार्रवाई में ढिलाई बरतने का आरोप लगाया। दो दिन में उचित कार्रवाई नहीं होने पर आंदोलन तेज करने की चेतावनी भी दी। यहां दो मिनट का मौन रखकर दीया को श्रद्धांजलि दी गई।
यह था मामला
सीकर जिले के शिक्षण संस्थान में अध्ययनरत जिले के सेमलिया गांव निवासी दीया उपाध्याय ने गत दिनों आत्मदाह किया था। उसके सुसाइड नोट में कुछ शिक्षकों पर परेशान करने का आरोप लगाया था।