तो वहीं दूसरी और राष्ट्रीय करणी सेना द्वारा गांव तिलाडिय़ा में आर्थिक आधार पर आरक्षण व एट्रोसिटी एक्ट का विरोध कर सभी राजनैतिक पार्टियों को वोट मांगने पर पाबंदी लगा दी हैं। दो हजार की आबादी वाले तिलाडिय़ा गांव के बाहर राजपूत समाज द्वारा एक बड़ा सा बैनर लगाकर स्पष्ट कर दिया है कि कोई भी राजनैतिक पार्टी वोट मांगकर हमें शॢर्मंदा न करे।
मीणा समाज के जिलाध्यक्ष रूप सिंह मीणा की मानें तो 18 फरवरी को भोपाल में ंआयोजित महाकुंभ में मुख्यमंत्री द्वारा मीणा समाज को आरक्षण देने केन्द्र सरकार को चि_ी लिखने का आश्वासन दिया गया, लेकिन सात माह बीतने जाने के बाद भी ऐसा न करने पर मीणा समाज अब सरकार का खुला विरोध कर रहा हैं। चि_ी नहीं तो वोट नही। और ऐसा एक गांव नहीं बल्कि मीणा समाज हर गांव में विरोध करेगा। दो हजार की आबादी वाले तिलाडिय़ा गांव के बाहर राजपूत समाज द्वारा एक बड़ा सा बैनर लगाकर स्पष्ट कर दिया है कि कोई भी राजनैतिक पार्टी वोट मांगकर हमें शॢर्मंदा न करे।
आर्थिक आधार पर दो आरक्षण राष्ट्रीय करणी सेना के युवराज सिंह चौहान छिपानेर का कहना है कि राजपूत समाज आरक्षण का विरोध करता है। सरकार को आरक्षण देना है तो आर्थिक आधार पर दे। हम ऐट्रोसिटी एक्ट का खुलकर विरोध कर रहे हैं। इस विधानसभा चुनाव में कोई भी राजनैतिक पार्टी हमसे वोट न मांगे। सपाक्स का यह आंदोलन आगे क्या गुल खिलाएगा यह कहा नहीं जा सकता, लेकिन एट्रोसिटी एक्ट के विरोध में शनिवार को नगर में सपाक्स की बैठक भी रखी गई जिसमें विरोध के आगे की रणनीति पर विचार विमर्श किया गया।