scriptसीजन का निचले स्तर पर पारा 1.8 पर पहुंचा, फसलों को हुआ नुकसान | Mercury reached 1.8 at the lower level of the season, damage to crops | Patrika News

सीजन का निचले स्तर पर पारा 1.8 पर पहुंचा, फसलों को हुआ नुकसान

locationसीहोरPublished: Jan 30, 2019 09:47:58 am

कृषि विभाग के अफसर बोले, मौसम साफ होने पर चलेगा नुकसान पता

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Sehore. The farmer arrived in the collectorate with bad crop.

सीहोर. उत्तर भारत में बर्फबारी से मौसम में आए बदलाव के चलते तापमान में गिरावट का दौर जारी है। मंगलवार को न्यूनतम तापमान इस सीजन के रिकार्ड तोड़ सबसे निचले स्तर 1.8 डिग्री पर पहुंच गया। इसके चलते पड़ी कड़ाके की ठंड ने जन-जीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है तो दो दर्जन से अधिक गांव में फसल पर पाला पडऩे की भी बात सामने आई है। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे और इस तरह से ही तेज सर्दी पडऩे का अल्टीमेटम जारी किया है। इससे लोगों की मुश्किल और बढ़ सकती है।
एक दिन के अंदर ही न्यूनतम में 3.2 और अधिकतम तापमान में 5 डिग्री की जबरदश्त की गिरावट आने से सर्दी ने अपना प्रकोप दिखा दिया। जिससे कई जगह बर्फ जम गई थी। सर्दी से बचने लोग अलाव और गर्म कपड़ों का सहारा लेते हुए नजर आए, फिर भी उनको इससे राहत नहीं मिल रही थी। सुबह के समय हाल यह थे कि लोग घर से बाहर तक नहीं निकल पाए। वहीं रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड पर बैठे यात्री भी ठंड से ठिठुरते रहे। यह स्थिति दिनभर रही।
24 से अधिक गांव में नुकसान
ठंड से 24 से अधिक गांव में शुरूआत में फसल पर पाला पडऩे की बात सामने आई है। जिसमें चना, मसूर, गेहंू, मटर, टमाटर, धनिया, आलू सहित अन्य फसल काफी प्रभावित हुई है। कई गांव के किसान जनसुनवाई में हाथों में खराब फसल लेकर पहुंचे और कलेक्टर को ज्ञापन दिया है। कुलांस कलां के किसानों ने बताया कि उनकी फसल पूरी खराब हो गई है।
जिससे बोया गया बीज निकलना मुश्किल है इससे संकट में आ गए हैं। फसल का सर्वे कर उचित मुआवजा राशि दी जाए। इस मौके पर रमेश वर्मा, मनोज वर्मा, अरविंद वर्मा, पंकज गुप्ता, जगन्नाथ सिंह पटेल थे। इसी तरह से पीपलनेर के किसानों ने बताया कि पिछले दिनों अधिकारियों ने खराब फसल का अपने स्तर से ही सर्वे कर लिया था। सर्वे टीम उनके गांव में पहुंची ही नहीं और फसल में कोई नुकसान नहीं होने का बता दिया गया। जबकि हकीकत यह है कि फसल 90 प्रतिशत तक बेकार हो गई है। फसल का सर्वे कर सहायता राशि दी जाएं। शिकायत दर्ज कराने वालों में अर्जुन सिंह, मान सिंह, भगवान सिंह, श्यामलाल, चांद सिंह, सुमेर सिंह, दीपक आदि हैं। बता दे कि जिलेे में साढ़े तीन लाख हेक्टेयर में गेहूं, चना सहित अन्य फसल की बोवनी हुई है। जबकि 30 हजार से अधिक हेक्टेयर में उद्यानिकी की फसल बोई गई है।
आगे क्या रहेगी स्थिति
आरएके कॉलेज के मौसम वैज्ञानिक एसएस तोमर ने बताया कि अगले 24 घंटे तक मौसम ठंडा रहने से तापमान में और गिरावट आएगी। इस दौरान हल्की बूंदाबांदी के साथ आसमान में हल्के बादल भी रहेंगे। यह फसल के लिए नुकसान दायक साबित हो सकती है। उसके बाद जरूर मौसम में बदलाव होने के आसार बन रहे हैं। मौसम वैज्ञानिक की माने तो दो दिन बाद हवाओं की दिशा बदलकर पूर्व और दक्षिण पूर्व हो जाएगी। उसके बाद यह हवा वापस पूर्व की तरफ से 6 किमी की प्रति घंटा की रफ्तार से चलना शुरू हो जाएगी। ऐसे में आगामी कुछ दिन और लोगों को ठंड से सामना करना पड़ सकता है।
फसल बचाने किसान यह कर सकते हैं उपाय
– फसल में नियमित सिंचाई करें।
– खेत के आसपास धुआं कर सकते हैं।
– यूरिया के घोल का छिड़काव कर सकते हैं।
– खेतों के आसपास संभव हो सकें तो परदे भी डाल सकते हैं।
एक सप्ताह का तापमान
दिनांक न्यूनतम अधिकतम
22 जनवरी 8.0 27.0
23 जनवरी 8.0 28.0
24 जनवरी 8.0 27.0
25 जनवरी 8.0 26.0
26 जनवरी 7.0 25.0
28 जनवरी 5.0 25.0
29 जनवरी 1.8 19.0

-नुकसान हुआ है:
-तेज पड़ रही सर्दी से फसल पर पाला पड़ गया है, जिससे वह खराब हो गई है। कई किसानों को तो लागत तक नहीं निकल पाएगी। इसका कलेक्ट्रेट पहुंचकर ज्ञापन देकर सर्वे कराने की मांग की है। जिससे कि राहत मिल सकें। -गोपाल वर्मा, सरपंच कुलांस कलां
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