नसरुल्लागंज के शासकीय नवीन स्कूल इंग्लिश मीडियम होने के बावजूद इसमें अंग्रेजी के पर्याप्त शिक्षक ही नहीं है। जिससे कक्षा पांचवी तक के बच्चों को तो हिन्दी माध्यम से पढ़ाया जाता है, लेकिन कक्षा 6 से आगे की कक्षाओं के छात्रों को अंगे्रजी माध्यम से पढ़ाया जाता है।
खास बात यह है कि अंग्रेजी के शिक्षक कमी के चलते एक कमरे में ही कक्षा 6 से 8वीं तक के बच्चों को बैठाकर शिक्षा दी जा रही है। ऐसे में कैसे वह पढ़ाई करते होंगे अंदाजा लगाया जा सकता है। यहां के प्रभारी प्राचार्य तक दो स्कूलों का कार्य एक साथ देख रहे हैं।
स्कूल में मध्यान्ह भोजन के नाम पर पर्याप्त भोजन नहीं दिया जा रहा है। वहीं बच्चों को बैठने टेबल कुर्सी की व्यवस्था नहीं होने से जमीन पर बैठकर पढ़ाई करना पड़ रही है। स्कूल में विज्ञान संकाय के छात्रों के लिए लैब तो बनाई, लेकिन उसमें संसाधन की कमी बनी है। बावजूद इसके ध्यान नहीं दिया जा रहा है ।
शिक्षक को वापस किया जाएं स्कूल में पदस्थ
नाहरखेड़ा के लोगों ने स्कूली बच्चों के साथ एसडीएम को आवेदन दिया है। आवेदन में बताया कि नाहरखेड़ा के शिक्षक सूरजसिंह पंवार पिछले सात वर्ष से अच्छे से सरकारी स्कूल में शिक्षण कार्य करा रहे थे। कुछ लोगों ने शिक्षक के खिलाफ आवेदन बनाकर उस पर फर्जी हस्ताक्षर करके प्रभारी मंत्री को दे दिया था।
जिसके चलते शिक्षक पंवार का नाहरखेड़ा से हाथी घाट ट्रांसफर कर दिया है। जिससे बच्चों के सामने पढाई का संकट खड़ा हो गया है। जिन लोगों ने यह आवेदन दिया उनका एक भी बच्चा इस स्कूल में पढ़ाई नहीं करता हैं। ग्रामीणों की मांग है कि वापस शिक्षक को नाहरखेड़ा के स्कूल में पदस्थ किया जाएं। आवेदन देने वालों में रईश खां, देवीसिंह, पूनम, संतोष, बनपसिंह, आरिफ खां, दिनेश, किरण खंडेलवाल आदि हैं।
यह है जिले में स्थिति
जिले में 2025 प्राइमरी और मिडिल स्कूलों में एक लाख 10 हजार छात्र-छात्राएं शिक्षा ले रहे हैं। इनमें से कई में शिक्षक की कमी है तो कहीं पर स्कूल भवन की कमी के चलते बच्चों को किराए के भवन या फिर अतिरिक्त कक्ष में बैठकर शिक्षा लेना पड़ रही है। अभी की स्थिति में जिलेे में करीब 39 स्कूलों में भवन की कमी के चलते यह स्थिति आसानी से देखी जा सकती है। शिक्षा विभाग यह तो कह रहा है कि इन स्कूलों के लिए भवन स्वीकृत हो गए हैं और कुछ का काम चल रहा है। जबकि यह बताने को तैयार नहीं है कि यह काम कब पूरा होकर स्कूल इन नए भवन में शिफ्ट होंगे।
स्कूल की स्थिति दिखवाता हूं
शासकीय नवीन स्कूल में यदि इस तरह की स्थिति है तो बीआरसीसी को भेजकर दिखवाता हूं। इसमें जो भी समस्या होगी उसे दूर किया जाएगा। जिससे कि बच्चों को परेशानी नहीं हो।
– अनिल श्रीवास्तव, डीपीसी सीहोर