यह बात पाश्र्वनाथ दिगंबर जैन दिव्योदय तीर्थ क्षेत्र किला मंदिर परअष्टान्हिका महापर्व के दौरान आयोजित सिद्धचक्र महामंडल विधान के आठवें दिन अपूर्वमति माता ने 1024 अर्ध अर्पित कराते हुए कहीं। किला मंदिर पर यह विधान अपूर्वमति माता के ससंघ सानिध्य में हो रहा है। इसमें प्रतिदिन अलसुबह से श्रद्धालु पूजा में सम्मिलित होकर धर्म ध्यान कर रहे हैं। आठवें दिन सोमवार को अलसुबह 6 बजे से इसकी आराधना इंदौर से आए विद्वान ब्रह्मचारी पारस भैय्या जैन के नेतृत्व में हुई। जिसमें विधान की महिमा बताते हुए अपूर्वमति माता ने कहा कि अष्टान्हिका पर्व की ऐसी मान्यता है कि इस दौरान स्वर्ग से इंद्र उतरकर भगवान की विशिष्ट पूजा 8 दिन तक लगातार करते हैं। इसलिए जम्बूद्वीप के इस भरत क्षेत्र में स्थित भारत देश में भी इसकी आराधना बड़ी धर्म प्रभावना के साथ की जाती है। इसकी एक कहानी और है कि जब सती मैना सुंदरी के पति राजा श्रीपाल को कुष्ठ रोग हो गया और उनके 700 अन्य साथियों को भी कुष्ठ रोग ने घेर लिया। जैन संत के कहने पर मैना सुंदरी ने सिद्धचक्र महामंडल विधान की आराधना की थी। जिसके दौरान उसके पति सहित 700 अन्य साथियों का भी कुष्ठ रोग भगवान के अभिषेक के बाद उसे शरीर पर लगाने से ठीक हुआ। तब से इस विधान की महत्ता और अधिक बढ़ गई। मैना सुंदरी के पिता राजा ने क्रोध में आकर अपनी इस बेटी का विवाह भयंकर रूप से क्रोढ़ से ग्रसित राजा श्रीपाल से करा दिया था। मैना सुंदरी ने अपने पिता की आज्ञा का पालन करते हुए इस कोड़ी पति को ही अपना परमेश्वर माना। न केवल अपने पति का कोढ़ दूर कराया, बल्कि 700 अन्य का भी कोढ़ दूर कराया था। अपारमति माता ने कहा कि आप लोग भी अपने जीवन में गंधोदक के प्रति भाव व सम्मान बनाए रखें। इससे रोग, कुष्ठ एवं दुख भी दूर हो जाते हैं।
शिविर में सेहत जांच दिया उचित परामर्श
सीहोर. नगर के सैकड़ाखेड़ी स्थित वृद्धाश्रम में सोमवार को निशुल्क स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया। इसमें आश्रम में निवास कर रहे सभी दो दर्जन से अधिक बुजुर्गों की स्वास्थ्य जांच कर उचित परामर्श दिया गया। वृद्धा आश्रम के प्रबंधक राकेश शर्मा ने बताया कि जिला आयुष विंग ने वृद्धों का जांच की। वहीं यहीं पर स्थित नशा मुक्ति केन्द्र में मौजूद युवाओं का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। शिविर में मौजूद डॉ. नीलिमासिंह ने कहा कि वृद्धावस्था में स्वस्थ जीवन व्यतीत करने के लिए इस बात की जानकारी होना बहुत जरूरी है कि बुजुर्गो को कौन से रोग हो सकते हैं। उनसे कैसे बचा जाए और इन रोगों से पीडि़त होने की स्थिति में क्या कुछ किया जाए। इस अवसर पर सहायक परमार्शदाता किरण विश्वकर्मा, नर्स ममता शर्मा, अखिलेश जायसवाल, अमित जैन, आनंद व्यास आदि उपस्थित थे।