इस संबंध में माध्यमिक शिक्षा मंडल(माशिमं) ने दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। इससे पहले पंडित सुंदरलाल शर्मा सेंट्रल इंस्टीयूट ऑफ वोकेशनल एजुकेशन के सहयोग से अभी दो वर्षीय जॉबरोल योजना के पायलट प्रोजेक्ट के तहत शैक्षणिक सत्र 2018-2019 से संचालित है। इसकी शुरुआत बीते साल सीहोर जिले के शासकीय उधातर माध्यमिक विद्यालय रामपुर से की गई थी।
जहां कक्षा 9वीं के विद्यार्थियों को पांच ट्रेंड में प्रशिक्षण दिया गया। इस वर्ष कक्षा दसवीं में अन्य चार ट्रेंडों में प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इस सत्र 2020-21 से शिक्षा विभाग इस योजना को अन्य सरकारी स्कूलों में भी लागू करने जा रहा है। इससे सरकारी स्कूल के विद्यार्थियों को स्कूली पाठयक्रमों के साथ व्यावसायिक प्रशिक्षण प्राप्त करने का अवसर मिलेगा।
इन पाठयक्रमों में मिलेगा प्रशिक्षण
इस साल से सरकारी स्कूलों में कक्षा 9वीं में चार ट्रेड में प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसमें एग्रीकल्चर, प्लम्बिंग, सुईंग मशीन ऑपरेटर, आटोमेटिव शामिल है। वहीं कक्षा दसवीं में पांच ट्रेडों में प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसमें आईटी, ब्यूटी एण्ड वेलनेस, इलेक्ट्रॉनिक्स एंड हार्डवेयर, रिटेल व सिक्यूरिटी प्रमुख है।
इस साल से सरकारी स्कूलों में कक्षा 9वीं में चार ट्रेड में प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसमें एग्रीकल्चर, प्लम्बिंग, सुईंग मशीन ऑपरेटर, आटोमेटिव शामिल है। वहीं कक्षा दसवीं में पांच ट्रेडों में प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसमें आईटी, ब्यूटी एण्ड वेलनेस, इलेक्ट्रॉनिक्स एंड हार्डवेयर, रिटेल व सिक्यूरिटी प्रमुख है।
नए कोर्सों : निर्धारित अंक
प्रदेश के 556 शासकीय स्कूलों के कक्षा दसवीं में दो वर्षीय जॉबरोल कोर्स शुरू किया जाएगा। इसके अंक भी अंकसूची में शामिल किए जाएंगे। 9वीं व 10वीं दोनों ही कक्षाओं में व्यावसायिक परीक्षा के लिए 100 अंक का पूर्णांक निर्धारित किया गया है।
प्रदेश के 556 शासकीय स्कूलों के कक्षा दसवीं में दो वर्षीय जॉबरोल कोर्स शुरू किया जाएगा। इसके अंक भी अंकसूची में शामिल किए जाएंगे। 9वीं व 10वीं दोनों ही कक्षाओं में व्यावसायिक परीक्षा के लिए 100 अंक का पूर्णांक निर्धारित किया गया है।