सीहोर

अस्पताल में दादा-दादी और पिता तक से नवजात शिशु का रखा जा रहा है दूर

डॉक्टर खुद के साथ प्रसूता के हर एक घंटे में गर्म पानी और साबुन से साफ करा रहे हाथ

सीहोरMar 28, 2020 / 01:00 pm

Kuldeep Saraswat

अस्पताल में दादा-दादी और पिता तक से नवजात शिशु का रखा जा रहा है दूर

सीहोर. कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा चौतरफा बना हुआ है, लेकिन इससे सुरक्षा के ही बचाव हैं। जिला अस्पताल में प्रतिदिन 35 से 40 डिलेवरी होती हैं। नवजात शिशु में किसी भी वायरस के संक्रमण का खतरा बड़े बच्चे की अपेक्षा ज्यादा होता है। ऐसे में प्रसूता और नवजात शिशु को संक्रमण के खतरे से बचाने के लिए डॉक्टर्स और मेडिकल स्टाफ ने मेटरनिटी में प्रसूता के साथ एक से अधिक व्यक्ति के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया है। साथ ही प्रसव के बाद नवजात शिशु के पास मां के अलावा किसी को भी जाने की अनुमति नहीं है। सुरक्षा की दृष्टि से दादा-दादी और पिता तक को नवजात शिशु से दूर रखा जा रहा है। शिशु की देखाभाव की पूरी जिम्मेदारी मां और नर्सिंग स्टाफ खुद संभाल रहा है।

स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. सुजाता परमार ने बताया कि मेटरनिटी में डिलेवरी और ओटी में सीजर के दौरान वायरस के संक्रमण से बचने के लिए सुरक्षा के पूरे इंतजाम किए जाते है, लेकिन अब प्रसूता और नवजात के वार्ड में शिफ्ट होने के बाद खतरा ज्यादा रहता है। जिला अस्पताल में भीड़ अधिक होती है और कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्ति की आसानी से पहचान करना मुश्किल है, ऐसे में प्रसूता और नवजात शिशु की सुरक्षा करना बहुत बड़ी चुनौती है। अस्पताल प्रबंधन ने सुरक्षा की दृष्टि से मेटरनिटी में प्रसूता के साथ एक से ज्यादा व्यक्ति के प्रवेश पर रोक लगाई है। दूसरा हर एक घंटे में प्रसूता और पूरे मेडिकल स्टाफ के साबुन से हाथ साफ कराए जा रहे हैं। मां और नर्सिंग स्टाफ के अलावा किसी भी व्यक्ति को नवजात शिशु को छूने की अनुमति नहीं है। डॉ. परमार कहती हैं कि प्रसूता और नवजात के परिजन को भी इसमें मेडिकल स्टाफ का सहयोग करना चाहिए। कुछ लोग अभी भी मेटरनिटी में प्रसूता से साथ अंदर आने की जिद करते हैं, उनके बच्चों की सुरक्षा के लिए जरूरी है कि वह दूरी बनाकर रखें।

विदेश से लौटे आधे से ज्यादा का इंक्यूवेशन पीरियड खत्म
सिविल सर्जन डॉ. आनंद शर्मा ने बताया कि कोरोना वायरस के संक्रमण से सुरक्षा के लिए जिला चिकित्सालय की टीम ने विदेश से लौट करीब 48 व्यक्तियों को इंक्यूवेशन में रखा था। इनमें से करीब 31 को दो सप्ताह (14) दिन का इंक्यूवेशन पीरियड पूरा हो गया है। इनसे कोरोना वायरस के संक्रमण का कोई खतरा नहीं है। शेष करीब 17 को एक सप्ताह से 10 दिन का समय हो गया है, अभी तक इनके अंदर कोरोना वायरस के संक्रमण का कोई लक्षण नहीं मिला है, लेकिन समय पूरा होने तक इन्हें इंक्यूवेशन पीरियड में रखा जाएगा। डॉ. शर्मा ने कहा कि इस स्थिति में सुरक्षा के लिए जरूरी है कि बाहर से कोई कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्ति सीहोर जिले की सीमा में प्रवेश नहीं करे।

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