सीहोर जिले में इस समय विभिन्न माध्यमों से प्राप्त शिकायतों में से करीब पांच हजार शिकायत लंबित हैं। लंबित शिकायतों में करीब एक हजार ४६६ मुख्यमंत्री, १४६ मंत्री, ७७ सांसद और ८१ विधायकों के माध्यम से प्राप्त हुई हैं। आचार संहिता को लेकर अफसरों ने मंत्री, विधायक और सांसदों के पत्रों को भी तब्बजों नहीं दिया है। जिला प्रशासन की जनशिकायत शाखा से मिली जानकारी के अनुसार एक मार्च से ३० नवंबर तक कुल ५५ हजार ५३२ शिकायत प्राप्त हुई हैं, जिनमें से ५० हजार ३३७ का निराकरण हो गया है और करीब पांच हजार १९५ शिकायत लंबित हैं। लंबित शिकायत में सबसे ज्यादा शिकायत जनप्रतिनिधियों के माध्यम से पहुंचने वाली हैं।
केस-01: घोषित नहीं हुआ परीक्षा परिणाम मैना क्षेत्र की शीतल बैरागी, काजल चंदेल, नेहा प्रजापति, आरती डुमाने, माधुरी बागवान, अंजू चंदेल ने मार्च में १०वीं की परीक्षा दी थी। १४ मई को घोषित रिजल्ट में 6 छात्राओं का परिणाम नहीं आया। जिसकी ५ जून को जनसुनवाई में शिकायत दर्ज कराई थी और डीइओ और अन्य को भी आवेदन दिया था। बावजूद उनका रिजल्ट घोषित नहीं हो सका। जिससे उनको वापस कक्षा १०वीं में ही पढ़ाई करना पड़ रही है। शीतल की बहन आरती बैरागी ने बताया कि प्रवेश नहीं दिलाते तो छात्रा का भविष्य खराब हो जाता।
केस-02: 7 माह बाद भी नहीं दिया ध्यान सीहोर शहर के वार्ड क्रमांक ३५ की महिलाओं ने ११ मई २०१८ को कलेक्ट्रेट में जनसुनवाई में शिकायत दर्ज कराई थी। इसमें बताया था कि उनके वार्ड में पिछले एक साल से रोड खुदा पड़ा है। इससे आवाजाही करने में दिक्कत हो रही है। इसमें कई बार वाहन चालक के साथ राहगीर गिरकर हादसे का शिकार हो चुके हैं।रोड की मरम्मत की जाए। शिकायत के सात माह बाद भी इस वार्ड में अधिकारियों ने झांककर नहीं देखा है। जिससे सड़क की हालत में कोई बदलाव नहीं हो सका है। शिकायत दर्ज कराने वालोंं में सुनीता बाई, गजरी बाई भारती, कृष्णा बाई, गीता बाई, सुनीता बाई, रेखा भारती आदि थी।