कलेक्टर गणेश शंकर मिश्रा ने आदेश दिए हैं कि यह कोई खदान संचालक रेत कारोबारी या ग्राम पंचायत शाम 6 से सुबह 6 बजे की बीच परिवहन पास और एंट्री पास (ईटीपी/ईईएल) जनरेट करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। यह कार्रवाई धारा 133 के तहत लगाए गए प्रतिबंधात्मक आदेश का उल्लंघन करने को लेकर भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 188 के तहत कार्रवाई की जाएगी।
जानकारी के अनुसार रेहटी, बुदनी, नसरुल्लागंज और शाहगंज क्षेत्र में नर्मदा नदी में करीब 22 रेत खदानों का संचालन किया जा रहा है। रेत के अवैध उत्खनन को लेकर सीहोर जिला पूरे प्रदेश में बदनाम होता जा रहा है। राजनीतिक संरक्षण में रेत का अवैध कारोबार चरम पर पहुंच गया है। प्रदेश में सरकार बदलने के बाद जिला प्रशासन ने रेत के अवैध कारोबार को रोकने के लिए कुछ सख्ती दिखाई है, लेकिन रेत माफियाओं के बौसले इतने बुलंद हैं कि प्रशासन की सख्ती काम नहीं आ रही है।
दो महीने पहले कलेक्टर गणेश शंकर मिश्रा ने नर्मदा से रेत का अवैध उत्खनन रोकने रात के समय नसरुल्लागंज, बुदनी, रेहटी रूट पर डंपरों पर दौडऩे पर प्रतिबंध लगाया, लेकिन इसके बाद भी रेत का अवैध उत्खनन नहीं रूका। बीते दिनों जब इसकी समीक्षा की गई तो सभी एसडीएम और एसडीओपी ने रिपोर्ट दी कि रात में डंपरों के दौडऩे पर प्रतिबंध होने के बाद भी रेत का अवैध उत्खनन और परिवहन हो रहा है।
एसडीएम और एसडीओपी की रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए कलेक्टर मिश्रा ने रात में खदानों से रेत ले जाने के पास जारी करने पर रोक लगाई है। इसके अलावा शनिवार को माइनिंग ने कार्रवाई करते हुए शाहगंज के सरदार नगर में अवैध रेत भंडारण जब्त किया है। अवैध तीन सौ घन मीटर रेत का भंडारण कृषि भूमि पर बिना अनुमति के किया गया था। खनिज विभाग की टीम ने कार्रवाई कर अवैध रेत स्टॉक जब्त कर लिया है।