ज्ञातव्य है कि पूर्व सरकार के मुखिया शिवराज सिंह चौहान ने क्षेत्र के किसानों की मांग पर 30 लाख की लागत से मिट्टी परीक्षण केन्द्र भवन को स्वीकृत किया और मंडी बोर्ड द्वारा 3 वर्ष के लंबे इंतजार के बाद इसी नवंबर 2018 में तैयार कर कृषि विभाग की सुपुर्दगी में दे दिया, लेकिन विभाग के द्वारा भी इस मामले में सुध नही ली गई और अभी भी यह भवन ताला लगे हुए किसानों का इंतजार कर रहा है।
मिट्टी परीक्षण केन्द्र के प्रारंभ नहीं होने से अधिकांश किसानों द्वारा अपनी मिट्टी को परीक्षण के लिए नही भेजा जाता। जिससे किसान को इस बात का नुकसान उठाना पड़ता है कि उसकी जमीन में किस तत्व की कमी देखने को मिल रही है। यदि मिट्टी परीक्षण हो तो वह तत्व की कमी को पूरी कर सकता है, लेकिन जिस तरह से मिट्टी परीक्षण केन्द्र का भवन खड़ा है वह किसानों के लिए फायदे का सौदा साबित नहीं हो रहा है।
अम्लीय और क्षरीय परत बनती जा रही जमीन
किसानों द्वारा अधिक उत्पादन लेने के चक्कर में बाजारों से बिना गुणवत्ता के रासायनिक खादों एवं पेस्टीसाइड का उपयोग कर रहा है। जिससे किसानों को पैदावार के साथ आमदनी तो हो रही है, लेकिन इस आमदनी को बढ़ाने के फेर में वह अपनी जमीन को बंजर करता जा रहा है। रासायनिक खादों के प्रयोग से जमीन के ऊपरी भाग की मिट्टी में अब उर्वरा शक्ति के स्थान पर अब अम्लीय व क्षरीय परत बनती जा रहा है और यह किसानों के भविष्य के लिए सबसे बड़ा नुकसान है।
भवन तैयार पर उपकरण का इंतजार
मिट्टी परीक्षण केन्द्र का भवन जैसे-तैसे बनकर कर तो तैयार हो गया और उसमें भी तीन वर्ष का लंबा समय लगा। किसानों को उम्मीद थी कि भवन तैयार होने के बाद अब उन्हें लाभ मिलने लगेगा और अपने खेतों की मिट्टी का लगातार परीक्षण कराकर खेती के हिसाब से तैयार करेंगे, लेकिन किसानों का यह सपना अब सपना ही रह गया। करीब 8 माह से अधिक का समय बीतने के बावजूद भी मिट्टी परीक्षण के लिए आने वाले उपकरण विभाग उपलब्ध नही करा सका। ऐसे में किसानों को अभी भी मिट्टी परीक्षण के लिए अपने सैंपल सीहोर भेजना पड़ रहा है और वहां से कब रिपोर्ट आती है इसकी जानकारी भी किसानों तक नही पहुंच पाती। ऐसे में चाह कर भी किसान को इस महत्वपूर्ण योजना का लाभ नही मिल पा रहा।
परीक्षण केन्द्र पर लगने वाले कुछ उपकरण तो आ गए हैं और कुछ का आना शेष है। विभाग के द्वारा उपकरण की जानकारी भेजी जा चुकी है। जैसे ही संपूर्ण उपकरण आ जाएंगे केन्द्र को मिट्टी परीक्षण के लिए प्रारंभ कर दिया जाएगा।
अवनीश चतुर्वेदी, कृषि उप संचालक, सीहोर