इससे पहले एक मामला मंगलवार को सामने आया, जब होशंगाबाद के एक युवक की कोरोना रिपोर्ट बुदनी में पॉजिटिव आई। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने रिपोर्ट देने के बहाने युवक को होशंगाबाद से बुदनी तो बुला लिया, लेकिन दो जिले होशंगाबाद और सीहोर मिलकर उसे बुदनी से होशंगाबाद के पवारखेड़ा स्थित कोविड केयर सेंटर भेजने एम्बुलेंस की व्यवस्था नहीं कर पाए। लंबे इंतजार के बाद जब एम्बुलेंस नहीं आई तो पीपीई किट पहन युवक खुद ही बाइक पर सवार होकर बुदनी से होशंगाबाद के कोविड केयर सेंटर पहुंच गया। अब दो दिन से पीपीई किट पहनकर युवक का बाइक चलाते कथित वीडियो वायरल हो रहा है।
बुदनी के बाद बुधवार को नसरुल्लागंज में एम्बुलेंस की कमी खली। बताया जा रहा है कि यहां पर एक साथ सात व्यक्तियों की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई। स्वास्थ्य विभाग की टीम रिपोर्ट आते ही सुबह कोरोना पॉजिटिव परिवार को कोविड केयर सेंटर सीहोर शिफ्ट करने का संदेश दे दिया। परिवार के सभी सदस्य सुबह 10 बजे सामान पैक कर बैठक गए, लेकिन दोपहर तक एम्बुलेंस नहीं पहुंची। स्वास्थ्य विभाग की टीम से बात की तो पता चला कि जिले में 28 पॉजिटिव मिले हैं। एम्बुलेंस पहले आष्टा और इछावर के पॉजिटिव व्यक्तियां को शिफ्ट करेगी, उसके बाद नसरुल्लागंज का नंबर आएगा। कोरोना पॉजिटिव एम्बुलेंस के इंतजार से बैठे-बैठे परेशान हो गए, तक कहीं शाम ६ बजे एम्बुलेंस पहुंची और दो घंटे बाद 8 बजे मरीज सीहोर कोविड केयर सेंटर पहुंच सके।
क्वॉरंटीन सेंटर में नहीं मिला अच्छा खाना
बुदनी के शासकीय कन्या छात्रावास में 28 जुलाई को एक आयुष विभाग के डॉक्टर और चार कोरोना संदिग्ध को क्वॉरंटीन किया गया। 30 जुलाई को इनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। दो दिन यह क्वॉरंटीन सेंटर में रहे और जब कोविड सेंटर सीहोर भेजा गया तो रास्ते में तबियत खराब हो गई। इन मरीज ने बताया कि दो दिन क्वॉरंटीन सेंटर में उन्हें जो खाना दिया गया, वह बहुत खराब था। दाल ऐसी दी जा रही है, जिसमें सिर्फ पानी और नमक, मिर्ची हैं। एक कटौरी में दो-चार दाने दाल दिखती हैं। फल और पोष्टिक आहर के नाम पर कुछ भी नहीं है।
वर्जन…
– पॉजिटिव और स्वस्थ मरीज को आने ले जाने के लिए अलग-अलग एम्बुलेंस हैं। ब्लॉक के हिसाब से एम्बुलेंस सेंटर पर तैनात की गई है। कई बार मरीज आने से इनकार करते हैं, उन्हें मनाना पड़ता है, इस स्थिति में दूसरी जगह पहुंचने में देरी हो जाती है। बुदनी से होशंगाबाद वाला मरीज खुद भाग गया था, उसे पकडऩे के लिए हमारी गाड़ी भी गई, लेकिन नहीं मिला।
डॉ. सुधीर डेहरिया, सीएमएचओ सीहोर