स्टेडियम में दरारे पडऩे लगी…
वहीं यहां पर दाहरा मैदान भी होने से एक ही जगह स्टेडियम और दशहरा मैदान का निर्माण कराया गया है। दोनों के लिए जगह कम होने से न तो खेल प्रतिभाओं को अपनी कला का प्रदर्शन करने के लिए पर्याप्त जगह मिल पा रही है। ऐेसे में 85 लाख की लागत से बना स्टेडियम जो बनने के एक वर्ष बाद ही इसमें दरारे पडऩे लगी है।
बेकार सावित होने लगा स्टेडियम…
घटिया निर्माण उजागर हो रहा है। स्टेडियम को ठेकेदार ने एक तो बहुत देरी से बनाया और पूर्ण होने के बाद लाखों का स्टेडियम अब बेकार सावित होने लगा है। ऐसे में न तो नागरिको सही स्टेडियम मिल पाया और ना ही दशहरा मैदान।
विकास के नाम पर सुविधा शून्य…
खेल मैदान के ऊपर नगर परिषद रेहटी ने 75 लाख रुपए बाऊंड्रीबाल, कम्युनिटी हाल, सभागृह के नाम पर खर्च किए हैं। यह राशि खर्च होने के एक वर्ष बाद ही खेल विभाग ने दशहरा मैदान की भूमि अधिग्रहण कर खेल मैदान बना दिया गया। इस प्रकार इस खेल और दशहरा मैदान पर सवा करोड़ से अधिक की राशि खर्च हो चुकी है। लेकिन विकास के नाम पर सुविधा शून्य है।
पत्ते खेलने वालों की जगह बन गई…
दशहरा मैदान में स्टेडियम और दशहरा मैदान के नाम से यहां अभी तक सवा करोड़ से अधिक खर्च किया जा चुका है। लेकिन इतनी अधिक राशि खर्च करने के बाद इसे व्यवस्थित नही बनाया गया। अब यहां सांस्कृतिक कार्यक्रम और बच्चे नही खेलते हैं। यहां पर पत्ते खेलने वालों की फड़े जगह-जगह देखी जा सकती है।
दशहरा मैदान का नहीं हो पा रहा उपयोग…
यहां बना लाखोंं की लागत से दशहरा मैदान जो वर्ष में एक बार ही दशहरा उत्सव के काम आ रहा है, जबकि नगर में होने वाले सांस्कृतिक और धार्मिक आयोजनों के लिए यह दशहरा मैदान बनाया गया था, लेकिन उसका उपयोग नही हो पा रहा है।
दशहरा मैदान के पास से ही भब्बड़ नदी बहती है। और जब 4 महीने बारिश के समय भब्बड़ नदी उफान पर रहती है तब बरसात का पानी दशहरा मैदान में भर जाता है। ऐसे में 75 लाख का दशहरा मैदान 4 महीने कोई काम नही आता है।
कार्यक्रम करने के पहले कराना पड़ता है मरम्मत…
दशहरा मैदान में वर्ष में एक बार मनाए जाने वाले विजयादशमी पर्व के पहले नगर परिषद को इस मैदान की कार्यक्रम कराने के पहले इसकी मरम्मत कराना पड़ता है। तभी यहां दशहरा उत्सव मन पाता है। इसके अलावा मैदान पर सुविधाए नदारद होने से खिलाडिय़ों को भी दशहरा मैदान का लाभ नहीं मिल पा रहा है। जिससे उनमें खासा आक्रोश है।
दशहरा मैदान के लिए भब्बड़ नदी के पास की ही जगह मिल पाई थी। इसलिए वहां पर दशहरा मैदान बनाना जरूरी था। और उसकी आधी जगह अधिकृत कर पीडब्लूडी को स्टेडियम बनाने के लिए दी गई थी।
आरडी शर्मा, सीएमओ, नगर परिषद रेहटी