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पुराने नंबर नए वाहन में हो सकेंगे उपयोग, ड्राइविंग लाइसेंस की प्रक्रिया भी सरल

locationसीहोरPublished: Oct 10, 2021 08:15:37 pm

Submitted by:

Kuldeep Saraswat

राज्य शासन की नवीन व्यवस्था में सीधा लाभ वीआईपी नंबर लेने वाले वाहन मालिकों को

पुराने नंबर नए वाहन में हो सकेंगे उपयोग, ड्राइविंग लाइसेंस की प्रक्रिया भी सरल

पुराने नंबर नए वाहन में हो सकेंगे उपयोग, ड्राइविंग लाइसेंस की प्रक्रिया भी सरल

सीहोर. वाहन मालिक पुराने 4 पहिया वाहनों को आवंटित नंबर का उपयोग अपने नए वाहनों के लिए कर सकेंगे। इसके लिए वाहन मालिक द्वारा पुराने नंबर के लिए दी गई राशि या न्यूनतम 15 हजार रुपए में जो भी अधिक होगा, उसका भुगतान करना पड़ेगा। वर्तमान व्यवस्था के अनुसार कंडम अथवा निष्प्रयोजित वाहन के स्क्रेप के साथ ही उसका नंबर भी ब्लॉक कर दिया जाता था। इस व्यवस्था में वीआईपी नंबर लेने वाले वाहन मालिक को नया नंबर लेना पड़ता था। राज्य शासन की नवीन व्यवस्था में अब सीधा लाभ वीआईपी नंबर लेने वाले वाहन मालिकों को मिल सकेगा।

जानकारी के अनुसार मई 2014 के पूर्व प्रथम आओ, प्रथम पाओ के आधार पर वाहन क्रमांक आवंटित किए जाते थे, जिसमे 01 से 09 नंबर का शुल्क 15 हजार, 10 से 100 का 12 हजार विशिष्ट नंबरों के लिए 10 हजार एवं शेष नंबरों का शुल्क 2 हजार रुपए था। इस अवधि के बाद वीआईपी नंबर के लिए ऑनलाइन नीलामी प्रक्रिया प्रारंभ की गई, लेकिन नीलामी प्रक्रिया के द्वारा मूल वाहन स्वामी द्वारा विशिष्ट नंबरों का काफी बड़ी राशि देकर क्रय किया जाता था। अब नई पॉलिसी में उनके या उनके परिवार वाला व्यक्ति उसी श्रेणी का वाहन खरीदने पर पूर्व वाहन के नंबर का उपयोग कर सकेगा। परिवहन मंत्री गोविन्द सिंह राजपूत ने बताया कि आमजन को ज्यादा से ज्यादा सुविधाएं प्रदान करने की दृष्टि से ड्राइविंग लाइसेंस बनाने की प्रक्रिया को और भी सरल किया गया है। अब कोई भी आवेदक लर्निंग लाइसेंस, नवीन ड्राइविंग लाइसेंस के आवेदन, नवीनीकरण अथवा ड्राइविंग लाइसेंस में अन्य श्रेणी के आवेदन के साथ रजिस्टर्ड चिकित्सक द्वारा पोर्टल पर ऑनलाइन फॉर्म 1ए में मेडिकल सर्टिफिकेट जारी कर सकेंगे। एक अप्रैल 2021 के पूर्व उक्त मेडिकल सर्टिफिकेट मैनुअल तरीके से जारी किए जाने का प्रावधान था, उन्होंने बताया कि मेडिकल काउंसिल में रजिस्टर्ड चिकित्सक पोर्टल पर ऑनलाइन फॉर्म 1ए में मेडिकल सर्टिफिकेट जारी कर सकते हैं। इसके लिए उन्हें एनआईसी के सारथी पोर्टल पर पंजीयन कराना आवश्यक है।

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