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बहन-भाई के स्नेह की डोर से कटेगा कोरोनाकाल

locationसीहोरPublished: Aug 03, 2020 12:40:09 pm

Submitted by:

Kuldeep Saraswat

रक्षा बंधन के पर्व पर बाजार में खरीदारी के लिए उमड़ी बहनों की भीड़, जमकर खरीदारी

बहन-भाई के स्नेह की डोर से कटेगा कोरोनाकाल

बहन-भाई के स्नेह की डोर से कटेगा कोरोनाकाल

सीहोर. रक्षाबंधन के त्योहार को लेकर बाजार गुलजार है। बीते एक सप्ताह से बाजार में महिलाओं की काफी भीड़ देखी जा रही है। राखी, कपड़े से लेकर सौंदर्य प्रसाधन सामग्री की दुकानों पर खूब खरीदारी हो रही है। सीहोर शहर का बाजार सामान्य दिन समय में रविवार को बंद रहता है, लेकिन रक्षा बंधन के त्योहार होने के कारण इस बार बाजार खुला और काफी भीड़ दिखाई दी। कोरोना संक्रमणकाल में भी भाई-बहन के स्नेह के पर्व रक्षाबंधन पर काफी उत्साह है, लोग सुरक्षा इंतजाम के साथ खरीदारी के लिए निकल रहे हैं। शहर में खरीदारी का यह सिलसिला श्रीकृष्ण जन्माष्टमीं तक चलेगा। एहतिहातन कुछ व्यापारियों ने दुकान के बाहर ग्राहक को सैनेटाइज करने के इंतजाम कर रखे हैं। दुकान के कर्मचारी ग्राहकों को बार-बार मास्क लगाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। कई दुकान पर नि:शुल्क मास्क का वितरण भी किया जा रहा है। रक्षा बंधन के त्योहार को लेकर हर साल की तरह इस बार भी काफी उत्साह है।

स्वदेशी राखियों की सजाई दुकान
मध्यप्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा गठित महिला समूह ने कई जगह स्वेदशी राशियों की दुकान लगाई है। ब्लॉक इछावर में लॉकडाउन के दौरान महिलाओं ने मास्क बनाए थे, अब राखियां। ग्राम उमरखाल से श्रीगणेश समूह और ग्राम भाऊखेड़ी के श्रीराम समूह ने रक्षाबंधन के त्योहार के लिए स्वदेशी राखियों का निर्माण किया है। राखी बनाने के लिए कच्चा माल महिलाओं ने भोपाल, इंदौर और सीहोर के मार्केट से खरीदा था। ऊन, रेशम एवं सूत के धागे से बनी रंग-बिरंगी मोतियों की चमकदार राखियां गांव में दुकान सजाकर बेची जा रही हैं। समूह की कुछ महिलाएं हाट बाजार में भी इनकी सप्लाई कर रही हैं। इस बार जनपद पंचायत और जिला पंचायत कार्यालय में समूह द्वारा तैयार की गई राखियों का स्टॉल लगाया है। उमरखाल गांव का श्री गणेश महिला समूह हर साल 25 से तीस हजार रुपए की राखी बेचता है। भाऊखेड़ी के श्रीराम समूह की सदस्य मुन्नी बाई और ओमवती देवी ने बताया कि समूह के माध्यम से महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही हैं और बाजार में स्वदेशी राखियों की मांग पूरी हो रही है।

बहन-भाई के स्नेह की डोर से कटेगा कोरोनाकाल

कोरोना का असर : सूनी रहेगी कैदियों की कलाई
कोरोना संक्रमण के चलते जेल में बंद कैदियों से 31 अगस्त तक परिजन के मुलाकात पर प्रतिबंध लगा हुआ है। ऐसे में रक्षाबंधन पर बहन राखी नहीं बांध पाएंगी। जिला जेल के जेलर संजय सेलम ने बताया कि जेल में बंद कैदियों को रक्षाबंधन पर बहनों के राखी बांधने को लेकर अभी तक कोई आर्डर नहीं आया है। इसके चलते प्रतिबंध ही रहेगा। यहां बता दें, जिला जेल में 280 कैदी बंद है।

 

रक्षाबंधन पर बन रहा त्रिवेणी का संयोग
आष्टा के पंडित मनीष पाठक ने बताया कि कई साल बाद इस बार रक्षाबंधन पर त्रिवेणी संयोग (दीर्घायू आयुष्मान, सर्वार्थ सिद्धी व अमृत योग) बन रहा है। इस संयोग से बहन, भाई के जीवन में सुख समृद्धि आएगी। पंडित पाठक ने बताया कि सबसे पहले रक्षासूत्र देवस्थल पर बांधे। उसके बाद प्रतिष्ठान, कलम, गौशाला आदि जगह बांधने के बाद बहन भाई की कलाई पर बांधे। पंडित पाठक ने बताया कि भगवान ही हमारी रक्षा करते हैं इसलिए पहले उनको रक्षासूत्र बांधना जरूरी है। पंडित पाठक के अनुसार इस बार रक्षाबंधन पर भद्रा का भी असर रहेगा। रविवार रात 9 बजकर 29 मिनट से भद्रा शुरू होगी और यह सोमवार सुबह 9 बजकर 25 मिनट पर समाप्त होगी। भद्रा के दौरान बहन भाई को राखी नहीं बांधे। हालांकि 9 बजककर 26 मिनट से शुरू होने वाले शुभ मुहूर्त में जरूर बांध सकती है।

 

राखी के शुभ मुहूर्त
शुभ : सुबह 9.26 से 10.53
अभिजीत : दोपहर 12.06 से 12.59
चर : दोपहर 2.12 से 3.51
लाभ : दोपहर 3.52 से 5.31
अमृत : शाम 5.31 से 7.10
चर : रात 7.10 से 8.29

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