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सीहोर में पं. प्रदीप मिश्रा छह माह तक फ्री बांटेंगे अभिमंत्रित रुद्राक्ष, आप भी ले सकते हैं ऐसे

locationसीहोरPublished: Apr 03, 2022 02:28:06 am

शिवरात्रि पर Sehore के चितावलिया हेमा में किए गए अभिमंत्रित, अब शुरू हुआ रुद्राक्ष वितरण

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pandit pradeep mishra

सीहोर. पं. प्रदीप मिश्रा के शिवरात्रि पर अभिमंत्रित किए रुद्राक्ष अब फ्री बंटना शुरू हो गया है। चितावलिया हेमा स्थित निर्माणाधीन मुरली मनोहर एवं कुबेरेश्वर महादेव मंदिर में 11 लाख अभिमंत्रित रुद्राक्ष वितरण शुरू हो गया। इसके लिए मंदिए परिसर में अलग-अलग काउंटर बनाए गए हैं। सीहोर में 11 लाख रुद्राक्ष को पंडित प्रदीप मिश्रा ने अभिमंत्रित किया था। विठलेश सेवा समिति (Shree Vitthlesh Seva Samiti sehore) के मीडिया प्रभारी प्रियांशु दीक्षित ने बताया कि 11 लाख से अधिक अभिमंत्रित रुद्राक्ष छह माह तक लगातार वितरित किए जाएंगे।
ट्रैफिक जाम होने से Rudraksh Mahotsava हुआ था स्थगित
28 फरवरी से शिवमहापुराण (shiv mahapuran) और रुद्राक्ष महोत्सव का आयोजित किया गया था। पहले दिन इंदौर-भोपाल पर ट्रैफिक जाम हो गया, जिसके कारण जिला प्रशासन ने रुद्राक्ष महोत्सव स्थगित करा दिया।
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IMAGE CREDIT: patrika
एक दर्जन से अधिक बनाए काउंटर
समिति ने 12 काउंटर बनाए हैं। छह माह तक मंदिर में बनाए काउंटरों से सुबह 10 बजे से शाम चार बजे तक वितरण किया जाएगा।

क्या काम आता है रुद्राक्ष
भारतीय संस्कृति में रुद्राक्ष का बहुत महत्व है। पौराणिक कथाओं के अनुसार रुद्राक्ष की उत्पत्ति भगवान शिव के आंसुओं से हुई है। माना जाता है कि रुद्राक्ष इंसान को हर तरह की हानिकारक ऊर्जा से बचाता है। इसका इस्तेमाल सिर्फ तपस्वियों के लिए ही नहीं, बल्कि सांसारिक जीवन में रह रहे लोगों के लिए भी किया जाता है। रुद्राक्ष यानी रुद्र का अक्ष यानी आंसू कहा जाता है। एकमुखी से 14 मुखी रुद्राक्ष होते है। रुद्राक्ष के ऐसे तो कई फायदे हैं, लेकिन रुद्राक्ष को लेकर यह भी धारणा है कि मंत्र जाप और ग्रहों को नियंत्रित करने के लिए रुद्राक्ष को सबसे उत्तम बताया गया है। बहुत कम लोगों को पता होगा कि रुद्राक्ष को धारण कर हम शनि दोष को दूर किया जा सकता है। रुद्राक्ष के कुछ खास उपाय से कुंडली में मौजूद शनि के अशुभ योग भी खत्म हो जाते हैं। रुद्राक्ष में वो शक्ति है जो धारक को हर तरह की परेशानी से लडऩे की क्षमता देता है और उनको दूर करता है।


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IMAGE CREDIT: patrika
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रायसेन में आज से कथा, गर्भी से निपटने के इंतजाम

करीब डेढ़ माह की तैयारियों के बाद रविवार यानी तीन अप्रेल से सीहोर वाले पंडित प्रदीप मिश्रा की सात दिवसीय शिव महापुराण कथा शुरू होगी। पं. मिश्रा (Pandit pradeep Mishra) शनिवार रात रायसेन पहुंचे। लोग दोपहर से ही उनका इंतजार कर रहे थे। तीन बार उनके आगमन का रूट बदला, जिससे शाम 4 बजे की जगह रात नौ बजे रायसेन पहुंचे। इसकी बावजूद लोगों का उत्साह कम नहीं हुआ। घरों के सामने रांगोली बनाकर महिलाएं स्वागत के लिए आतुर रहीं। प. मिश्रा के नगर में प्रवेश करते ही ढोल नगाड़े और आतिशबाजी की गई। पांच किमी के इस दूरी को पार करने में एक घंटे से अधिक समय लगा। अब श्री त्रिपुंड महाशिवपुराण कथा दोपहर दो बजे से दशहरा मैदान पर शुरू होगी। इसके लिए एक लाख 30 हजार वर्ग फीट में टैंट लगाने की व्यवस्था की है। एक लाख वर्ग फीट में टैंट लग चुका है, बाकी 30 हजार वर्ग फीट में पाइप लगाकर तैयार कर दिए हैं, श्रद्धालुओं की संख्या बढऩे के साथ टैंट बढ़ाया जाएगा। गर्मी को देखते हुए विशेष इंतजाम किए हैं। टैंट के चारों ओर बड़े-बड़े कूलर रखे जा रहे हैं। पूरे टेंट में श्रद्धालुओं पर पानी की फुहार बरसाई जाएगी, जिससे टैंट के अंदर का तापमान बाहर की तुलना में 15 डिग्री कम हो जाएगा।

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