एक कमरे में सामान और गोली, दवा भरी है। शेष बचे एक कमरे में डॉक्टर मरीज की जांच कर गोली, दवा देते हैं। मरीजों का कहना है कि कई बार दवाएं नहीं मिलती हैं तो कई बार डॉक्टर के पते नहीं रहने से वापस लौटना पड़ता है।
डॉक्टर, दवाओं के अभाव में मरीजों को समय पर नहीं मिलता इलाज
यहां 100 मरीज से अधिक रोजाना पहुंचते हैं। उनको देखने पर्याप्त डॉक्टर नहीं है। यहां कुल जमा चार लोगों के स्टाफ होने से मरीजों को लाभ नहीं मिल पा रहा है। इस संबंध में मंडी निवासी एजाज अहमद ने कहा कि वह यूनानी पद्धति से इलाज पर भरोसा करते हैं, लेकिन औषधालय में दवाओं का अभाव रहता है। करेला कैप्सूल, गुड़माल कैप्सूल लंबे समय से नहीं है। इसी तरह अन्य दवाओं का भी टोटा है।
यहां 100 मरीज से अधिक रोजाना पहुंचते हैं। उनको देखने पर्याप्त डॉक्टर नहीं है। यहां कुल जमा चार लोगों के स्टाफ होने से मरीजों को लाभ नहीं मिल पा रहा है। इस संबंध में मंडी निवासी एजाज अहमद ने कहा कि वह यूनानी पद्धति से इलाज पर भरोसा करते हैं, लेकिन औषधालय में दवाओं का अभाव रहता है। करेला कैप्सूल, गुड़माल कैप्सूल लंबे समय से नहीं है। इसी तरह अन्य दवाओं का भी टोटा है।
पंखा खराब, नहीं है पानी की कोई व्यवस्था
नल कनेक्शन के अभाव में पानी के इंतजाम भी नहीं है। इससे पीने का तो दूर टॉयलेट तक में डालने का नहीं मिल रहा है। इससे वह बदबू मार रहे हैं। जिस कमरे में सामान रखा, उसमें लगा पंखा खराब पड़ा है। कूलर सहित अन्य भंगार के समान के साथ ही दवाएं रखी गईं हैं। इसी कमरे में एक कर्मचारी बैठता है। जगह की भी कमी बनी हुई है।
नल कनेक्शन के अभाव में पानी के इंतजाम भी नहीं है। इससे पीने का तो दूर टॉयलेट तक में डालने का नहीं मिल रहा है। इससे वह बदबू मार रहे हैं। जिस कमरे में सामान रखा, उसमें लगा पंखा खराब पड़ा है। कूलर सहित अन्य भंगार के समान के साथ ही दवाएं रखी गईं हैं। इसी कमरे में एक कर्मचारी बैठता है। जगह की भी कमी बनी हुई है।
भवन में पसरी रहती है गंदगी
जिला अस्पताल की ओपीडी, महिला ओपीडी, महिला वार्ड आदि सभी को नए भवन में शिफ्ट किया जा चुका है, लेकिन यूनानी औषधालय अभी भी पुराने भवन में संचालित हो रहा है। विभिन्न वार्डों को नई बिल्डिंग में शिफ्ट होने से रात में यूनानी अस्पताल भवन के पास लोगों द्वारा गंदगी की जाने लगी है। रात को डॉक्टर,कर्मचारी औषधालय को बंद कर चले जाते और सुबह वापस आते हैं तो भवन के सामने शराब के क्वार्टर से लेकर अन्य गंदी सामग्री पड़ी रहती है। यह बात स्वयं महिला डॉक्टर भी स्वीकार कर रही हैं।
जिला अस्पताल की ओपीडी, महिला ओपीडी, महिला वार्ड आदि सभी को नए भवन में शिफ्ट किया जा चुका है, लेकिन यूनानी औषधालय अभी भी पुराने भवन में संचालित हो रहा है। विभिन्न वार्डों को नई बिल्डिंग में शिफ्ट होने से रात में यूनानी अस्पताल भवन के पास लोगों द्वारा गंदगी की जाने लगी है। रात को डॉक्टर,कर्मचारी औषधालय को बंद कर चले जाते और सुबह वापस आते हैं तो भवन के सामने शराब के क्वार्टर से लेकर अन्य गंदी सामग्री पड़ी रहती है। यह बात स्वयं महिला डॉक्टर भी स्वीकार कर रही हैं।
समस्या को लेकर उच्च अधिकारियों को अवगत करा दिया है। अभी चार कर्मचारी है। पुरूष डॉक्टर नहीं होने से दिक्कत आती है। पानी के भी इंतजाम नहीं है।
– डॉ.शीरी फातिमा जैदी, यूनानी औषधालय प्रभारी सीहोर
– डॉ.शीरी फातिमा जैदी, यूनानी औषधालय प्रभारी सीहोर
यूनानी औषधालय में जो दवाएं उपलब्ध रहती हैं, उन्हें मरीजों को दिया जाता है। औषधालय की समस्याओं को दूर करने प्रयास किए जा रहे हैं।
– रामप्रताप सिंह राजपूत, आयुष अधिकारी सीहोर
पुराने अस्पताल भवन के डिस्पोजल का काम जारी है। यूनानी औषधालय में डॉक्टर का पद रिक्त है। यूनानी अस्पताल के शिफ्ट करने योजना बनाई जा रही है।
डॉ. डीआर अहिरवार, सीएमएचओ सीहोर
– रामप्रताप सिंह राजपूत, आयुष अधिकारी सीहोर
पुराने अस्पताल भवन के डिस्पोजल का काम जारी है। यूनानी औषधालय में डॉक्टर का पद रिक्त है। यूनानी अस्पताल के शिफ्ट करने योजना बनाई जा रही है।
डॉ. डीआर अहिरवार, सीएमएचओ सीहोर