कई साल पहले नदी-नालों पर बने पुल पर यातायात का भार तो बढ़ा लेकिन देखरेख की तरफ लापरवाही बरती गई। ऐसे में यह पुल समय के साथ ही बेकार हालत में पहुंच गए हैं, जिससे अब इनसे आवाजाही करना लोगों के लिए खतरे से खाली नहीं है। लोग पुल की दशा सुधारने लगातार मांग कर रहे हैं, इसके बावजूद अफसरों द्वारा कुछ नहीं किया जा रहा है।
केस 1 :- रैलिंग के अभाव में आए दिन हादसे
दीवानबाग जाने वाले मार्ग स्थित नाले पर बने पुल पर रैलिंग तक नहीं लगाई है। इससे आवाजाही करने वाले राहगीर और वाहन चालक आए दिन नीचे गिरकर हादसे का शिकार हो रहे हैं। दुल्हा बादशाह निवासी मोहम्मद बबलू ने बताया कि रैलिंग लगाने कई बार अधिकारी को अवगत कराया, लेकिन ध्यान नहीं दिया है। पुल से प्रतिदिन एक हजार से अधिक लोगों की दूल्हा बादशाह, जमशेदनगर, दीवानबाग सहित अन्य जगह आवाजाही होती है।
दीवानबाग जाने वाले मार्ग स्थित नाले पर बने पुल पर रैलिंग तक नहीं लगाई है। इससे आवाजाही करने वाले राहगीर और वाहन चालक आए दिन नीचे गिरकर हादसे का शिकार हो रहे हैं। दुल्हा बादशाह निवासी मोहम्मद बबलू ने बताया कि रैलिंग लगाने कई बार अधिकारी को अवगत कराया, लेकिन ध्यान नहीं दिया है। पुल से प्रतिदिन एक हजार से अधिक लोगों की दूल्हा बादशाह, जमशेदनगर, दीवानबाग सहित अन्य जगह आवाजाही होती है।
केस 2:- किनारे पर गड्ढा, अंदर से क्षतिग्रस्त
दुल्हा बादशाह के समीप नाले पर बने पुल के किनारे पर बड़ा गड्ढा होनेे के साथ ही कई जगह से क्षतिग्रस्त हो गया है। पुल पर रैलिंग का भी कई समय से अभाव बना हुआ है। जिससे आने जाने वालों में भय की स्थिति बनी रहती है। इस पुल से तहसील चौराहा, कृषि उपज मंडी, इंदौर नाका, रेलवे स्टेशन, गणेश मंदिर सहित अन्य जगह चार हजार से अधिक लोग आते जाते हैं। लोगों ने बताया कि इस तरफ अनदेखी कभी भी भारी पड़ सकती है।
दुल्हा बादशाह के समीप नाले पर बने पुल के किनारे पर बड़ा गड्ढा होनेे के साथ ही कई जगह से क्षतिग्रस्त हो गया है। पुल पर रैलिंग का भी कई समय से अभाव बना हुआ है। जिससे आने जाने वालों में भय की स्थिति बनी रहती है। इस पुल से तहसील चौराहा, कृषि उपज मंडी, इंदौर नाका, रेलवे स्टेशन, गणेश मंदिर सहित अन्य जगह चार हजार से अधिक लोग आते जाते हैं। लोगों ने बताया कि इस तरफ अनदेखी कभी भी भारी पड़ सकती है।
केस ३ :- आधी अधुरी लगवा दी जाली
पुराना बस स्टैंड के नाले पर बने पुल की हकीकत किसी से छिपी नहीं है। पुल पर हादसे रोकने जाली तो लगा दी, लेकिन यह भी आधू अधूरी ही लगाई गई है। पुल पुराना होने के कारण अंदरूनी स्तर पर कमजोर हो चुका है। इसके चलते यह पुल कभी भी बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकता है। लोगों ने बताया कि यह पुल जब से बना तब से उपेक्षा का शिकार हो रहा है। जबकि पुल से ५ हजार से अधिक लोगों का कई जगह आना जाना होता है।
पुराना बस स्टैंड के नाले पर बने पुल की हकीकत किसी से छिपी नहीं है। पुल पर हादसे रोकने जाली तो लगा दी, लेकिन यह भी आधू अधूरी ही लगाई गई है। पुल पुराना होने के कारण अंदरूनी स्तर पर कमजोर हो चुका है। इसके चलते यह पुल कभी भी बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकता है। लोगों ने बताया कि यह पुल जब से बना तब से उपेक्षा का शिकार हो रहा है। जबकि पुल से ५ हजार से अधिक लोगों का कई जगह आना जाना होता है।
नगर के अंदर के पुल हमारी तरफ से नगर पालिका और ब्रिज कार्पोरेशन के हैंडओवर कर दिया है। फिर भी ऐसा है तो पुल को दिखवा लेता हूं। उसके बाद जो भी स्थिति बनेगी, उस आधार पर कार्य किया जाएगा।
राजेश रैकवार, इइ पीडब्ल्यूडी सीहोर