सीहोर

साढ़े तीन करोड़ में बने फिल्टर प्लांट का नहीं हो रहा उपयोग

योजना के माध्यम से 15 वार्डों को पिलाना था शुद्ध पेयजल

सीहोरMar 19, 2019 / 02:15 pm

Radheshyam Rai

साढ़े तीन करोड़ में बने फिल्टर प्लांट का नहीं हो रहा उपयोग

सीहोर. नगर पंचायत के अफसरों की लापरवाही के चलते करोड़ों रुपए का फिल्टर प्लांट का वर्षों बाद भी नगरवासियों को लाभ नहीं मिल पा रहा है। नगर परिषद ने नागरिकों को शुद्ध पेयजल पिलाने के उद्देश्य से ग्राम इटावा में जल शोधन संयंत्र का निर्माण कराया था। साड़े ३ करोड़ की लागत से बने फिल्टर प्लांट से १२ वर्ष में नगर परिषद नागरिकों को पेयजल तो उपलब्ध नही करा सकी, लेकिन ३ करोड़ ५० लाख रुपए पानी के नाम पर पानी में बहा दिए।

इस योजना का उद्देश्य था कि भब्बड़ नदी का पानी स्टोर कर और इसे शुद्ध करके नगर के १५ वार्डों के नागरिकों को पेयजल पिलाया जाना था, लेकिन करोड़ों की योजना फ्लाप साबित होने के बाद १२ वर्ष में इसका उपयोग नहीं हो सका है। अब नगर परिषद ६ करोड़ रुपए खर्च करके नर्मदा तट नेहलाई से नर्मदा का पानी पिलाने की तैयारी में है। जिसमें एक वर्ष का समय लगने की बात कही जा रही है।

ग्राम इटावा में शुद्ध पानी करने के लिए लगाए गए करोड़ों के उपकरण का उपयोग अब हो सकेगा। जहां ६ करोड़ की लागत से ग्राम नेहलाई से पाइप लाइन बिछाकर यहां बने इंटक बेल में डाला जाएगा और नर्मदा के पानी को शुद्ध करके नागरिकों को पिलाया जाएगा।
रेहटी निवासी चंकी मेहरा, आनंद विश्वकर्मा, शैलेंद्र चौहान का कहना है कि १२ वर्ष पूर्व जब यह जल शोधन संयंत्र लगाया जा रहा था, तभी यह स्पष्ट था कि भब्बड़ नदी का पानी नागरिकों को पिलाना संभव नही है, लेकिन फिर भी करोड़ों की योजना को नगर परिषद ने अंजाम दिया। नगर परिषद के अफसरों ने बताया कि नर्मदा का पानी पिलाने के लिए पाइप लाइन स्वीकृत योजना से नेहलाई से रेहटी तक पाइप लाइन बिछाई जाएगी। जिसकी टीपीआर तैयार कर ली गई है। जिसमें करीब ६ करोड़ रुपए लगने का अनुमान है। जिसको पूर्ण होने में एक वर्ष का समय लगेगा।

एक दशक से पहले बना फिल्टर प्लांट को बने 12 वर्ष हो गए हैं। लेकिन इसके उपकरणों का उपयोग अभी तक नही हो सका है। ऐसे में उपकरणों की मरम्मत पर भी अतिरिक्त खर्चा होगा। ऐसे में करोड़ों की योजना फ्लाप साबित हुई है। वहीं अफसरों का कहनाहै कि योजना फ्लाप नही हुई है, इस योजना का उपयोग नेहलाई से नर्मदा का जल लाकर इस संयंत्रों में डालकर नर्मदा का पानी नागरिकों को पिलाया जाएगा। जिससे नगर में पानी की समस्या पूरी तरह से खत्म हो सकेगी। इस योजना को पूर्ण होने में एक वर्ष का समय लगेगा।


भब्बड़ नदी का पानी होना था फिल्टर
फिल्टर प्लांट इटावा में जो 3 करोड़ 50 लाख की लागत से बनाई गई है। उससे भब्बड़ नदी का पानी शुद्ध कर लोगों को पिलाना था, लेकिन भब्बड़ नदी रेहटी सहित आसपास के गांव से निकली है। जहां इस नदी में गंदगी, कूड़ा, कचरा अधिक होने से इस नदी का पानी पीने योग्य नही बचता है। नगर पंचायत की लापरवाही का खामियाज नगरवासियों को भुगतना पड़ रहा है।
ऐसा नहीं है नेहलाई से नर्मदा का जल लागर इस संयंत्र में डालकर लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया जाएगा।
पंकज कुमार सेन, प्रभारी सीएमओ, नगर परिषद रेहटी

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