सीहोर जिले के गांव दौलतपुर से सटे खिवनी अभयारण्य में जैव संपदा का अथाह भंडारण है। इसमें बेशकीमती सागौन, शीशम का जंगल होने के साथ ही बड़ी संख्या में वन्य प्राणी निवास करते हैं। अभ्यारण्य में पिछले 15 दिनों से आगजनी की घटनाएं हो रही हैं। रविवार को भी लालियाखेड़ी बीट सहित कई अंदरूनी हिस्सों में आग धधक रही थी। आग की भयावहता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि आग की लपटें और धुएं के गुब्बार के कई किमी दूर से ही दिखाई दे रहा था। दिलचस्प बात यह है कि घटना स्थल दौलतपुर व खिवनी सबरेंज कार्यालय के चंद किमी दूर ही स्थित था, लेकिन देर रात तक आग पर नियत्रंण नहीं पाया जा सका।
ज्ञातव्य है कि पिछले 15 दिनों में कई बार जंगल से आग की चपेट में आ चुका है। खिवनी पूर्व, दौलतपुर, लालिखाखेड़ी व टांडा बीट में आग लगने से करीब 15 हैक्टेयर क्षेत्र फैली लाखों की वन संपदा जलकर खाक चुकी है। साथ ही बड़ी संख्या में हरे -भरे छायादार व फलदार वृक्ष भी इसकी चपेट में आकर झुलस गए हैं।
इसके अलावा इसमें निवास करने वाले वन्य प्राणियों के जीवन पर भी खतरा पैदा हो गया है। जंगल आग लगने से वन संपदा के साथ ही बीज, घास, पत्ती आदि भी जलकर नष्ट हो चुके हंै। ऐसे में वन्य प्राणियों के आवास प्रभावित होने के साथ ही वह भोजन व पानी की तलाश में इधर-उधर भटकने को मजबूर हो रहे हैं। यदि आग्नि सुरक्षा को लेकर प्रबंधन द्वारा जल्दी ही कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया तो काफी नुकसान होगा।
अमीरचंद आस्कले, वन परिक्षेत्र अधिकारी खिवनी अभयारण्य