गर्मी के सीजन में पैदा होने वाले जल संकट का जिला प्रशासन को भी आभास हो रहा है। गर्मी के सीजन में जल संकट से निपटने के लिए कलेक्टर गणेश शंकर मिश्रा ने बोर उत्खनन पर रोक लगाई है। जल संकट वाले क्षेत्र में निजी बोर का अधिग्रहण करने के आदेश भी दिए हैं, लेकिन अभी जिले में कहीं भी निजी बोर का अधिग्रहण नहीं किया गया है। पीएचई को भी जल संकट से निपटने के लिए पूरी तैयारी करने के आदेश दिए गए हैं।
करीब 75 नलजल योजना बंद
पीएचई के रेकॉर्ड के मुताबिक सीहोर जिले के ग्रामीण क्षेत्र में करीब 265 नलजल योजना हैं, जिसमें से अभी करीब 190 चालू हैं। 75 नलजल योजना बिजली कनेक्शन नहीं होने पर बोर का वाटर लेवल सामान्य से ज्यादा नीचे जाने के कारण बंद पड़ी हैं। इसके अलावा जिले में वाटर सप्लाई के लिए करीब 8 हजार 953 हैंडपंप हैं, जिसमें से करीब 250 बंद हैं। पीएचई के अफसरों की माने तो पिछले साल मार्च महीने में वाटर लेकर 250 फीट तक पहुंच गया था, इस बार 300 फीट तक गिरा है, जिसके कारण कुछ जल स्त्रोत समय से पहले ही साथ छोड़ गए हैं।
जिले में 66 तलाब और डैम
जिले में करीब 66 तालाब हैं। इन तालाब से कुछ का उपयोग ही पेयजल सप्लाई के लिए किया जाता है। ज्यादातर तालाब से सिर्फ सिंचाई का काम होता है। इन तालाब से जल संसाधन विभाग नहरों के माध्यम से करीब 50 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई के लिए पानी पहुंचाता है। इस समय एक दर्जन तालाब को छोड़कर सभी में 20 से 25 प्रतिशत पानी बचा है।
सीहोर
आबादी : एक लाख 35 हजार
संसाधन : काहिरी बंधान, भगवानपुरा तालाब, जमोनिया तालाब
सप्लाई की स्थिति : दो दिन छोड़कर
स्थिति: शहर को जरूरत के मुताबिक आधा भी पानी नहीं मिल रहा है।
इछावर
आबादी : 20 हजार
संसाधन : कांकरखेड़ा ट्यूबवेल
सप्लाई की स्थिति : तीन दिन छोड़कर
स्थिति: एक दिन में एक व्यक्ति को करीब 135 लीटर पानी चाहिए, यहां 75 लीटर भी नहीं मिल रहा है।
आष्टा
आबादी : 80 हजार की आबादी
संसाधन : पार्वती बंधान
सप्लाई की स्थिति : तीन और चार दिन छोड़कर सप्लाई
स्थिति: यहां जरूरत के मुताबिक 35 फीसदी भी पानी नहीं मिल रहा है। लोग निजी वोर पर निर्भर हैं।
जावर
आबादी: 9 हजार
संसाधन : चार ट्यूबवेल
सप्लाई की स्थिति: छह दिन छोड़कर पानी की सप्लाई
स्थिति: नगर भीषण जल संकट से जूझ रहा है। निजी बोर और खेत पर लगे ट्यूृबवेल से पानी लाया जा रहा है।
कौन क्या कहता है….
– गर्मी के सीजन में जल संकट से बचने के लिए पीएचई को तैयार रहने के निर्देश दिए गए हैं। यदि जरूरत पड़ी तो पंचायतों के माध्यम से जल परिवहन कराया जाएगा। निजी बोरों का भी अधिग्रहण करने के आदेश दिए गए हैं।
वीके चतुर्वेदी, अपर कलेक्टर सीहोर
– पानी की कमी है, लेकिन भीषण जल संकट जैसी स्थिति नहीं है। गर्मी के सीजन में ज्यादा जरूरत पड़ी तो नगर पालिका के टैंकरों पर जल परिवहन किया जाएगा।
अमरसत्य गुप्ता, सीएमओ नगर पालिका सीहोर
– गर्मी का सीजन शुरू नहीं हुआ है और शहर में दो-तीन दिन छोड़कर पानी की सप्लाई की जा रही है। गर्मी के सीजन में हर साल पेयजल संकट से जूझना पड़ता है।
जगदीश मेवाड़ा, रहवासी, भोपाल नाका